Malegaon Blast Case Verdict: महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए विशेष न्यायालय ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। इस फैसले से धार्मिक नगरी उज्जैन में खुशी की लहर दौड़ गई है। साधु-संत एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर और शुभकामनाएं देकर उत्साह साझा कर रहे हैं।
गुरुवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक बाइक पर रखे बम में हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत और 101 लोग घायल हुए थे। इस मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने साध्वी प्रज्ञा और तीन अन्य को गिरफ्तार किया था। आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका), गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कठोर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।
17 साल बाद आए इस फैसले के बाद उज्जैन में संत समुदाय ने खुशी का इजहार किया। उज्जैन के रामघाट स्थित पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े में साधु-संतों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े के सुरेश्वरानंद महाराज, महंत विशाल दास महाराज, महंत सत्यानंद सहित अन्य संत एकत्र हुए और फैसले का स्वागत किया।
सुरेश्वरानंद महाराज ने कहा, “आज सत्य की जीत हुई है। भगवा को आतंकी बताने वालों के मुंह पर यह फैसला करारा तमाचा है। भगवा कभी आतंकी नहीं हो सकता।” संत समिति के अध्यक्ष महंत विशाल दास महाराज ने कहा, “13 अखाड़ों में खुशी की लहर है। सभी संत एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं। हम न्यायालय को धन्यवाद देते हैं। भगवा हमेशा राष्ट्र, संस्कृति और शांति का प्रतीक रहा है।”