Safe return of Satna’s Akash Dwivedi trapped in the war in the Persian Gulf to his home country Collector’s initiative pays off: सतना: ईरान-इजराइल युद्ध की उथल-पुथल के बीच पर्शियन गल्फ में दो महीने तक फंसे सतना के युवक आकाश द्विवेदी की आखिरकार सुरक्षित स्वदेश वापसी हो गई। सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस की त्वरित पहल और ईरान स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से आकाश शनिवार, 2 अगस्त 2025 को मुंबई पहुंचे। वहां से उनके परिजन उन्हें लेकर सतना लौटे, जिससे परिवार और स्थानीय समुदाय में राहत और खुशी की लहर दौड़ गई।
आकाश ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर 2021 में मर्चेंट नेवी का कोर्स पूरा किया और 17 मार्च 2025 को एक ईरानी मालवाहक जहाज पर नौकरी शुरू की। शुरुआत में सब सामान्य था, लेकिन जून में जहाज दुबई पहुंचा, जहां तकनीकी खराबी के कारण माल अनलोड नहीं हो सका। जहाज को ईरान के अब्बास बंदरगाह की ओर वापस भेजा गया। इस बीच, ईरान-इजराइल युद्ध के कारण पर्शियन गल्फ में हाई अलर्ट घोषित हो गया, और जहाज को बंदरगाह से 15 किलोमीटर दूर समुद्र में रोक दिया गया।
जहाज पर 17 क्रू मेंबर थे, जिनमें आकाश और गोरखपुर के प्रिंस शर्मा सहित दो भारतीय शामिल थे। 10 ईरानी और 5 अन्य देशों के क्रू मेंबर जैसे-तैसे जहाज छोड़कर चले गए, लेकिन आकाश और प्रिंस के पासपोर्ट और वीजा पोर्ट कंपनी के पास जमा होने के कारण वे फंस गए। मोबाइल नेटवर्क की अनुपलब्धता ने परिवार से संपर्क को और कठिन बना दिया, जिससे आकाश और उनके परिवार के लिए यह समय तनावपूर्ण रहा।
सतना के पौराणिक टोला निवासी आकाश के पिता चंद्रभूषण द्विवेदी ने बेटे की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास किए। 14 जुलाई को उन्होंने सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार से मदद की गुहार लगाई। कलेक्टर ने तुरंत दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास से संपर्क किया और शिप कंपनी से जरूरी दस्तावेज व वीजा की व्यवस्था कराई। उनकी सक्रियता के परिणामस्वरूप 31 जुलाई को आकाश को सिराज शहर से मुंबई के लिए विमान से भेजा गया।
शनिवार को मुंबई पहुंचने पर आकाश का अपने परिवार से भावुक मिलन हुआ। परिजन पहले ही मुंबई पहुंच चुके थे। इसके बाद आकाश सतना लौटे, जहां स्थानीय समुदाय ने उनकी सुरक्षित वापसी का स्वागत किया। आकाश और उनके पिता ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार और भारतीय दूतावास का हार्दिक आभार व्यक्त किया।