Baba Khatu Shyam Ji Rail Line Project: रींगस से खाटूश्यामजी तक बिछने वाली नई रेल लाइन पर ट्रेन हाई स्पीड से दौड़ेगी. गौरतलब है कि, भविष्य में लंबी दूरी की गाड़ियों के संचालन को देखते हुए रेलवे ने ट्रेक को 130 की जगह अब 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन संचालन योग्य बनाना तय किया है. इसके लिए नई डीपीआर तैयार कर पूर्व प्रस्तावित रेल लाइन में फेरबदल किया गया है. यह जानकारी गौरव गौड़ एडीआरएम जयपुर मंडल ने साझा की है.
क्या क्या होंगे नए काम
आपको बताते चलें, की इसमें रेलवे ट्रैक के कुछ मोड़ कम करने सहित सिग्नलिंग व सुरक्षा संबंधी तकनीक के अन्य कार्य भी प्रस्तावित किए गए हैं. नई DPR में एलाइनमेंट तय करने के साथ रेलवे ने ट्रैक का काम शुरू भी कर दिया है. आशा है कि दो साल में ट्रैक पर ट्रेन दौड़ना शुरू हो जाएगी.
लगभग 18 किमी रेलवे लाइन बिछाई जानी है
बता दें कि प्रस्तावित योजना में रींगस से खाटूश्यामजी तक 17.9 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई जानी है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार 160 किमी प्रति घंटे की गति के लिए ट्रेक की मजबूती के अलावा सिग्नलिंग व फेंसिंग सहित सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जायेंगे हैं. ऐसे में नई डीपीआर से रींगस से खाटूश्यामजी तक का सफर कम समय में पूरी सुरक्षा के साथ होगा.
254 करोड़ का बजट स्वीकृत
रींगस से खाटूश्यामजी रेल लाइन के लिए केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में 254.06 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था. रेलवे लाइन के सर्वे के साथ रेलवे ने स्टेशन की जगह भी तय कर ली थी. इसी बीच स्थानीय लोगों के विरोध के बीच कार्य रुक गया था. अब रेलवे ने फिर से ट्रेक निर्माण कार्य को गति दी है.
बाबा खाटूश्याम जी से पलसाना का भी सर्वे
इतना ही नहीं, रेलवे ने खाटूश्यामजी से पलसाना तक रेलवे लाइन बिछाने की संभावना भी तलाश रहा है. इसके लिए रेलवे खाटूश्यामजी से पलसाना तक करीब 17.98 किमी का सर्वे कर रहा है. रसीदपुरा से सालासर रेलवे लाइन के साथ इस सर्वे के लिए 1 करोड़ 12 लाख 50 हजार रूपए का बजट स्वीकृत किया गया है. यदि दोनों रेलवे लाइन बिछती है तो खाटूश्यामजी तक का मार्ग सुगम होने के साथ जिले में रेलवे का खाटूश्यामजी, जीणमाता व सालासर बालाजी का एक नया धार्मिक पर्यटन सर्किट भी पूरा हो जाएगा.
काम शुरू हो चुका है
रींगस से खाटूश्यामजी रेलवे लाइन के लिए नई DPR बनाई गई है. इसके तहत ट्रेक को 130 की बजाय अब 160 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन संचालन योग्य तैयार किया जाना है. एलाइनमेंट तय करने के साथ रेलवे ने ट्रैक का काम शुरू कर दिया है. दो साल में इसके पूरा होने की उमीद जताई जा रही है.
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