Asian Classic Power Lifting Championship में रीवा के प्रमीश ने लहराया तिरंगा, जीता ब्रॉन्ज मेडल

मध्य प्रदेश के रीवा ज़िले के छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले प्रमीश ने बड़ा काम किया है. मलेशिया में हुए Asian Classic Power Lifting Championship में Prameesh Singh ने कांस्य पदक अपने नाम किया है.

Power Lifter Prameesh Singh Rewa: रीवा जिले से नाता रखने वाले पॉवर लिफ्टर प्रमीश सिंह ने विदेशी धरती में भारत का परचम बुलंद कर दिया है. मलेशिया में हुए Asian Classic Power Lifting Championship 2023 में Prameesh Singh ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर देश को समर्पित कर दिया है. बता दें कि प्रमीश सिल्वर मेडल के हक़दार थे, क्योंकी सेकंड पोजीशन पर आए दूसरे पॉवर लिफ्टर और प्रमीश ने सेम वेट उठाया था. लेकिन वजन में प्रमीश थोड़े ज्यादा निकले और उन्हें तीसरी पोजीशन दे दी गई. हालांकि रीवा के लाल ने इस इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल हासिल कर यह साबित कर दिया है कि काबिलियत साबित करने के लिए बड़ी जगह से होना ज़रूरी नहीं बल्कि बड़ा विजन होना जरूरी होता है.

रीवा के प्रमीश सिंह ने मलेशिया में जीता ब्रॉन्ज मेडल

105 किलो वजनी 23 साल के प्रमीश सिंह इस चैम्पियनशिप में टोटल 282.5 और 272.5 KG की प्लेट्स के साथ डेडलिफ्ट्स लगाए। वहीं स्क्वाट्स में उन्होंने 257.5 KG का वजन उठाया। प्रमीश को 182.5 KG ब्रेंच प्रेस मारने पर ब्रॉन्ज मेडल मिला है. उनके कोच शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस प्रतियोगिता में पहली और दूसरी पोजीशन पर आए एथिलिट्स ने भी उतना ही वजन उठाया था जितना कि प्रमीश ने, लेकिन प्रमीश का बॉडी वेट बाकी दोनों कॉम्पिटिटर्स के ज्यादा होने के चलते उन्हें तीसरी पोजीशन दी गई. यही चीज़ डेडलिफ्ट वाले मैच में भी हुई. प्रमीश ने 297.5 KG वजन उठाया और बाकी तीन प्रतियोगियों ने भी इतना ही वजन उठाया लेकिन प्रमीश का वजन ज्यादा होने से उन्हें चौथी पोजीशन से संतोष करना पड़ा.

यहां तक पहुंचना आसान नहीं था

रीवा से मलेशिया जाना और वहां झंडा गाड़ देना प्रमीश के लिए इतना भी आसान नहीं था. यहां तक पहुचंने के लिए इस खिलाडी को काफी संघर्ष करना पड़ा. अपने शरीर को ट्रेनिंग देने के अलावा प्रमीश को इस बीच कई तरह के मानसिक तनाव भी झेलने पड़े थे. एक खिलाडी जिसके लिए उसका खेल ही सब कुछ है उसे सरकार से कोई सपोर्ट नहीं मिलता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश सरकार पॉवर लिफ्टर्स को किसी भी तरह की ट्रेनिंग या अनुदान नहीं देती है.

14 अक्टूबर 2023 को जब सेक्रेटरी जनरल द्वारा मध्य प्रदेश पॉवर लिफ्टर एसोसिएशन के सेक्रेटरी को यह खत मिला कि रीवा के प्रमीश सिंह का Asian Classic Power Lifting Championship 2023 में चयन हो गया है तो प्रामीश खुश भी हुए और चिंतित भी. चिंतित इस लिए हुए क्योंकि इस खत में लिखा था कि पार्टिसिपेट करने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की व्यवस्था खुद खिलाडी को करनी है.

अब प्रमीश को मलेशिया में जाकर जीतने के लिए प्रैक्टिस भी करनी थी और मलेशिया जाने के लिए पैसों का बंदोबस्त भी करना था. प्रमीश दिन-रात प्रैक्टिस भी करते और पैसों का इंतजाम करने के लिए भी भटकते। लेकिन अंत में सब अच्छा हुआ प्रमीश ने दोनों कामों को पूरी शिद्द्त के साथ पूरा किया। पैसों का बंदोबस्त हो गया, प्रमीश मलेशिया पहुंच गए और वहां एक चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल भी जीत लिया।

प्रमीश अब 17 दिसंबर को वापस भारत लौटेंगे, यहां रीवा में उनके स्वागत के लिए खूब तैयारियां शुरू हो गई हैं. प्रमीश रीवा के पहले पॉवर लिफ्टर हैं जो विदेश में जाकर मेडल हासिल कर सके हैं. लेकिन ये तो सिर्फ शुरआत है, प्रमीश को आगे अभी और रिकॉर्ड ब्रेक करने हैं.

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