रीवा सांसद द्वारा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पर फर्जी वोटिंग के आरोप से सियासी बवाल, विधायक पोते ने जताया कड़ा विरोध

Rewa BJP MP Janardan Mishra MLA Siddharth Tiwari

Rewa MP accused former assembly speaker of fake voting: मध्य प्रदेश के रीवा में भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा के एक विवादित बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। सांसद मिश्रा ने स्वर्गीय कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी पर फर्जी वोटिंग का गंभीर आरोप लगाया, जिसके बाद भाजपा के ही विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने कड़ा विरोध जताया है। सिद्धार्थ, जो श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं, ने इस बयान को अशोभनीय करार देते हुए इसे पार्टी फोरम में उठाने की बात कही। इस विवाद ने मध्य प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है, और कांग्रेस ने इसे भाजपा की आंतरिक गुटबाजी का उदाहरण बताकर हमला बोला है।

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सांसद मिश्रा ने रविवार को एक सभा में कहा, “श्रीनिवास तिवारी के जमाने में एक घर में 1000 वोट होते थे, और वह फर्जी वोटिंग से चुनाव जीता करते थे।” यह बयान उन्होंने दो बार दोहराया, जिसके बाद सोमवार को इसका वीडियो वायरल होने से रीवा की सियासत में हलचल मच गई। मिश्रा पहले भी श्रीनिवास तिवारी को लेकर विवादित टिप्पणियां कर चुके हैं।भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी, जो तिवारी के पोते हैं, ने इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “अगर सांसद जी को मुझसे कोई व्यक्तिगत समस्या है, तो वे मुझसे बात करें। मेरे स्वर्गीय दादा को बार-बार टारगेट करना अनुचित और अशोभनीय है।” सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को पार्टी के आलाकमान के सामने उठाएंगे।

यह विवाद पहली बार नहीं है। वर्ष 2024 में सुभाष चौराहे पर ओवरब्रिज के उद्घाटन के दौरान भी मिश्रा ने श्रीनिवास तिवारी पर तंज कसते हुए कहा था, “उनके समय गड्ढों में सड़कें थीं, फिर भी लोग उन्हें दैयू (भगवान) कहते थे।” उस समय भी सिद्धार्थ ने इस टिप्पणी को अनुचित बताया था।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस विवाद को भाजपा की आंतरिक कलह और दोहरे चरित्र का सबूत बताते हुए सोशल मीडिया पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, “भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा ने स्वीकार किया कि रीवा में वोटर लिस्ट में धांधली हुई। यह उनकी अपनी पार्टी की कमजोरी को दर्शाता है।” कांग्रेस ने इसे भाजपा की गुटबाजी का उदाहरण बताकर हमला तेज कर दिया।उल्लेखनीय है कि श्रीनिवास तिवारी 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे और कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते थे। उनका निधन 19 जनवरी 2018 को 91 वर्ष की आयु में हुआ था। उनके पोते सिद्धार्थ तिवारी 18 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इस विवाद ने न केवल रीवा की सियासत को गरमाया है, बल्कि भाजपा के भीतर की अंतर्कलह को भी उजागर किया है।

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