मध्यप्रदेश में पहली बार रीवा में लैप्रोस्कोपिक तकनीक से पेट के कैंसर का सफल ऑपरेशन

Successful operation of stomach cancer using laparoscopic technique in Rewa

Successful operation of stomach cancer using laparoscopic technique in Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पहली बार पेट के कैंसर (स्टमक कैंसर) का पूरी तरह लैप्रोस्कोपिक स्टेपलर तकनीक से सफल ऑपरेशन किया गया। यह ऐतिहासिक सर्जरी नेशनल हॉस्पिटल रीवा में हुई, जिससे छोटे शहरों में भी उन्नत कैंसर सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होने का रास्ता खुल गया है। 40 वर्षीय मरीज रामखेलावन निवासी रीवा पिछले कई महीनों से खाना निगलने में तकलीफ, खून की उल्टी और तेजी से वजन घटने की समस्या से जूझ रहे थे। एंडोस्कोपी, बायोप्सी और सीटी स्कैन जांच में स्टमक कैंसर की पुष्टि हुई।

आमतौर पर इस तरह के कैंसर का ऑपरेशन बड़े चीरे वाली ओपन सर्जरी से किया जाता है, लेकिन नेशनल हॉस्पिटल की टीम ने पूर्ण रूप से लैप्रोस्कोपिक तकनीक का इस्तेमाल कर सर्जरी को सफल बनाया। ऑपरेशन में मात्र 4-5 छोटे छेद किए गए, जिससे मरीज को कम दर्द, कम खून की कमी और जल्दी रिकवरी का फायदा मिला। मरीज अब पूरी तरह स्थिर हैं और एक-दो दिन में डिस्चार्ज होने की स्थिति में हैं।

सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. योगेश्वर शुक्ल (ऑन्को सर्जन), डॉ. अखिलेश पटेल (लैप्रोस्कोपिक सर्जन), डॉ. प्रियंका मिश्रा (एनेस्थेटिस्ट) और सहयोगी स्टाफ गोपाल, करुणा, रजनीश एवं प्रद्युम्न शामिल रहे।

डॉ. योगेश्वर शुक्ल ने कहा, “मध्य प्रदेश में यह पहला मौका है जब स्टमक कैंसर का पूरा ऑपरेशन लैप्रोस्कोपिक स्टेपलर तकनीक से किया गया। अब रीवा और आसपास के मरीजों को इंदौर, भोपाल या दिल्ली नहीं भटकना पड़ेगा। ”डॉ. अखिलेश पटेल ने बताया, “लैप्रोस्कोपिक तकनीक से मरीज 4-5 दिन में ही सामान्य जीवन की ओर लौट सकता है, जबकि ओपन सर्जरी में 10-15 दिन लग जाते हैं।” यह उपलब्धि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के “रीवा को मेडिकल हब बनाने” के संकल्प को मजबूती प्रदान करती है। नेशनल हॉस्पिटल रीवा अब कैंसर की एडवांस्ड लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।

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