RBI Monetary Policy फरवरी बैठक में प्रमुख ब्याज दर यानी Repo Rate में 0.25℅ की कटौती करके इसे 6.25℅ कर दिया था. इस दर को कम करने का काम मई, 2020 के बाद पहली बार कम किया गया था.
RBI Monetary policy April 2025
Reserve Bank of India की मौद्रिक नीति बैठक बीते दिन यानी 7 अप्रैल सोमवार को शुरू हुई है और बाजार में चल रहे उठापटक के दौर में आशा है कि रेपो रेट में पिछली बार की ही तरह इस बार 25 बेसिस पॉइंट्स की कमी होगी. विशेषज्ञों का मानना हैमौद्रिक नीति बैठक अप्रैल में आज दूसरा दिन है, और कल परिणाम घोषित किए जाएंगे ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है की मुद्रा स्फीति में नरमी और वृद्धि दर को तेज करने के लिए रेपो दर में जरूर कटौती होगी.
बाजार के कुछ Researchers का मानना है की इस बार 50 बेसिस पॉइंट्स की कमी होनी चाहिए तभी इसका असर होगा हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन सभी ने आशा यही जताई है और अर्थशास्त्रियों का मानना है की RBI को यह करना ही होगा तभी देश में चल रही मंदी से गुजर पाएंगे.
क्या होगा Repo rate कम होने से
अगर ऐसा होता है तो आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है जी हां इसका सीधा फायदा जनता को मिलेगा आइए बताते हैं कैसे दरअसल Repo Rate वह दर है जिसमें RBI बैंकों को Loan देता है और अगर RBI बैंको को कम ब्याज दर के साथ loan देगा तो जाहिर सी बात है जनता को बैंक भी कम ब्याज दरों के साथ loan देंगे. और अगर आपका loan चल रहा है तो उसमे भी आपकी ब्याज दर में कमी आएगी. जी हां इससे आपकी EMI भी कम हो जाएगी इसलिए इसका कम होना फायदेमंद है.
कब होगा यह फैसला
जैसा की हमने आपको बताया की 7 अप्रैल को यह बैठक शुरू हुई है और 3 दिन चलने वाली इस बैठक के आखिरी दिन यानी कल 9 अप्रैल को इस बैठक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातें घोषित की जायेंगी जिसमे यह फैसला भी शामिल रहेगा.
SBI Research और Bajaj Broking Research का विचार
अब बात आती है की बड़े विशेषज्ञों का इसपर क्या मानना है की आखिर कितनी कम होगी रेपो दर तो SBI research के अनुसार इस बैठक में .25℅ कटौती के बाद अगली दो बैठकों में भी इसी तरह की कटौती का क्रम जारी रहेगा. ऐसे ही क्रम में बजाज ब्रोकिंग रिसर्च ने यह कहा है की भले ही RBI इसे .25℅ ही कम करे लेकिन इस वक़्त और जरूरत के हिसाब से कमसे कम, .50℅ की कटौती की जरूरत है. तभी जो वित्तीय संकट नज़र आ रहा है उससे मुक्ति मिल पायेगी.