Dussehra 2024 : नोएडा के इस गांव में रावण की होती है पूजा, दूर दराज से आए लोगों को होती है मनोकामना पूर्ण

Dussehra 2024 : देशभर में दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। लगभग पूरे उत्तर भारत में दशहरे पर रामलीला के मंचन के साथ ही रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। लेकिन, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के एक गांव में बिल्कुल उलट तस्वीर देखने को मिलती है। अगर दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव की बात करें तो यहां दशहरे पर रावण दहन नहीं होता है।

लोगों का मानना है कि यह गांव रावण की जन्मस्थली है

इस गांव की परंपरा बिल्कुल अलग है, यहां रामलीला का आयोजन भी नहीं होता है। कहा जाता है कि अगर कोई इस गांव में सालों से चली आ रही परंपरा का उल्लंघन करता है तो उसका सर्वनाश हो जाता है। बिसरख गांव के लोगों का मानना है कि यह रावण की जन्मस्थली है। अगर यहां रावण का पुतला जलाया जाता है तो यह रावण बाबा के साथ अन्याय होगा।

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मंदिर में रावण और कुबेर शिव की पूजा करते हैं

गांव वाले एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए कहते हैं कि एक व्यक्ति ने रावण का पुतला जलाने की कोशिश की थी, जिसके बाद वह पूरी तरह से नष्ट हो गया। उसका घर खंडहर में तब्दील हो गया है। बिसरख गांव में रावण का एक मंदिर भी है। इस मंदिर में रावण के पिता ऋषि विश्वश्रवा द्वारा स्थापित अष्टकोणीय शिवलिंग है। मंदिर के महंत की मानें तो रावण और उसके भाई कुबेर इसी शिवलिंग की पूजा करते थे।

यहां दूर-दूर से लोग भगवान शिव और बाबा रावण से आशीर्वाद लेने आते हैं

महंत आगे बताते हैं कि रावण ने भगवान शिव की तपस्या करते हुए इस शिवलिंग पर अपना सिर चढ़ाया था, जिसके बाद भगवान शिव ने उसे 10 सिर का आशीर्वाद दिया था। गांव के अन्य लोग बताते हैं कि यहां दूर-दूर से लोग भगवान शिव और बाबा रावण से आशीर्वाद लेने आते हैं। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि इस मंदिर का अष्टकोणीय शिवलिंग अनोखा है। उन्होंने भी इस मंदिर में मन्नत मांगी थी, जो पूरी हुई।

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