दिल्ली से गुजरात तक मौत का हाहाकार

Rajkot and Delhi Fire News

न्यूज़ डेस्क, रीवा I Rajkot and Delhi Fire News: बीते 24 घंटे के अंदर घटी दो दुर्घटनाओं ने पूरे देश का दिल दहला दिया है. अब तक कुल 37 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की जा चुकी है. मरने वालों में कुछ नवजात हैं तो कुछ 18 साल की उम्र से भी कम के बच्चे। आशंका है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.

बीते दिन यानी शनिवार शाम 4 बज के 30 मिनट पर गुजरात के राजकोट में, एक गेम जोन में आग लग जाती है इस आग की लपटें इतनी भीषण थीं कि मात्र आधे मिनट के अंदर ही पूरा गेम जोन लपटों की गिरफ्त में आकर धूं-धूं कर जलने लगता है. गेम जोन का नाम TRP गेम जोन बताया जा रहा है. इस दुर्घटना में अब तक ३० लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है. जिसमे 12 बच्चे भी शामिल हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. पर आशंका है कि मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी भी हो सकती है.

इस घटना के बाद राजकोट के सभी गेम ज़ोन्स को बंद कर दिया गया है. TRP के मालिक समेत दो की गिरफ्तारी भी हो चुकी है और जांच के लिए SIT का गठन किया गया है .यहाँ सवाल उठता है कि आखिर इतनी भयावह आग लगी कैसे?

राजकोट के प्ले जोन में कैसे लगी आग?

Rajkot TRP Game Zone Fire: असल में जिस गेम जोन में आग लगी है, वो एक तीन मंजिला इमारत थी. जिसका पूरा ढांचा लकड़ी और टीनके शेड पर खड़ा था. कई हिस्सों में रेनोवेशन का काम जारी था. लिहाजन हर तरफ सामान बिखरा था कहीं थर्मा कॉल का टुकड़ा, कहीं टायर तो कहीं 1500 लीटर पेट्रोल। दैनिक भास्कर से बात चीत के दौरान एक चश्मदीद ने बताया कि रेनोवेशन के दौरान सीढ़ियों की वेल्डिंग की जा रही थी कि इसी दौरान चिंगारियों से ब्लास्ट हो गया. अब क्योंकि गेम जोन का डोम कपडे और फाइबर से बना था इसलिए लपटे तेजी से फैलने लगी और लगभग मिनटों के अंदर ही आग ने पूरी ईमारत को अपने कब्जे में ले लिया। वीकेंड का दिन था, लोग ज्यादा थे. और गेम जोन से निकलने के लिए मात्र एक सीढ़ी। लिहाजन जो आग की चपेट में आये वो इतनी बुरी तरह से झुलस गए की उन्हें पहचान पाना भी नामुमकिन है. पोस्टमार्टम हुआ, dna रिपोर्ट्स आयीं,तब जाकर मृतकों की पहचान हो पाई है. अब ये घटना नतीजतन लापरवाही है या एक एक्सीडेंट ये तो SIT की जाँच के बाद ही पता चल पायेगा। पर घटनाक्रम और चश्मदीदों को सुनने से तो बू लापरवाही की ही आती है. बहरहाल, घटना के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी एम्स पहुंचे। जहाँ, उन्होंने घायलों की स्थिति का जायजा लिया।

दिल्ली में भी लगी आग

Delhi Fire Accident: इससे इतर अभी गुजरात में लगी आग को 8 घंटे भी नहीं बीते थे कि करीब रात के साढ़े 11 बजे दिल्ली के विवेक विहार इलाके में एक बेबी केयर हॉस्पिटल में गैस सिलिंडर फटने से आग लग गयी. घटना की तसवीरें दिल दहलाने वाली हैं.इसमें मरने वाले सभी, दूधमुहें और नवजात हैं।आंकड़ों के मुताबिक अब तक सात नवजातों की मौत हो चुकी है. जबकि पांच अभी भी गंभीर रूप से घायल हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक़, जब इस तीन मंजिला बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगी तो आस-पास के इलाकों में भी अफरा-तफरी मच गयी. अगल बगल के लोगों ने ही सबसे पहले पुलिस और दमकल विभाग को फ़ोन मिलाया। जब सहायता के लिए दमकल की गाड़िया वहां पहुंच गयी तब अधिकारीयों के साथ आम लोगों ने मिल कर हॉस्पिटल के पिछले जंगले से बच्चों को रेस्क्यू करना शुरू किया। कुल 12 बच्चों को रेस्क्यू किया गया, जिनमे से एक की मौके पर ही मौत हो गयी थी. बाकी के 11 बच्चों को फ़ौरन अस्पताल भेजा गया. जहाँ इलाज के दौरान 6 और नवजातों की मौत हो गयी. 5 की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है.

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दिल्ली में हुई इस घटना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट कर दुःख जताया और लिखा “विवेक विहार, दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने से अनेक बच्चों की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है। ईश्वर शोक संतप्त माता-पिता एवं परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें। मैं इस घटना में घायल हुए अन्य बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूँ।”

राष्ट्रपति मुर्मू के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी ट्विटर पर शोक जाहिर करते हुए लिखा “बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। इस हादसे में जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया उनके साथ हम सब खड़े हैं। घटनास्थल पर सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। घटना के कारणों की जाँच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का ज़िम्मेदार होगा वो बख्शा नहीं जाएगा।”

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