राज ठाकरे का नि​शिकांत दुबे पर किया मौ​खिक वार, बोले दुबे तुम मुंबई आओ तुम्हे समंदर में डुबोडुबो के मारेंगे…

राज ठाकरे और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच भाषा को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। शुक्रवार को राज ठाकरे ने निशिकांत दुबे को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह मुंबई आए तो हम उन्हें समुद्र में डूबो देंगे और मार देंगे। आपको बता दें कि राज ठाकरे ने हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सरकार महाराष्ट्र में हिंदी लागू करने की तैयारी कर रही है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री महाराष्ट्र में हिंदी लागू करें।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने क्या कहा?

दरअसल, हिंदी भाषी लोगों के साथ मारपीट की घटना के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का एक बयान आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अगर मुंबई में हिंदी भाषी लोगों के साथ मारपीट करने वालों में हिम्मत है, तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषी लोगों को मारकर देखें, अपने घर में कुत्ता भी शेर होता है। खुद तय करें कि कौन कुत्ता है और कौन शेर। निशिकांत दुबे ने कहा था, “तुम किसकी रोटी खा रहे हो? टाटा, बिड़ला, रिलायंस की महाराष्ट्र में इकाइयाँ तक नहीं हैं। टाटा ने तो अपना पहला कारखाना बिहार में तब लगाया था जब झारखंड उसके पास था।”

हिंदी भाषी लोग महाराष्ट्र में काम करने क्यों आते हैं?

राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी भाषी लोग महाराष्ट्र में काम करने क्यों आते हैं? अगर हिंदी भाषी लोगों को दूसरी जगह जाना पड़े तो इसका क्या फ़ायदा? हिंदी किसी की मातृभाषा नहीं है। कल जिस व्यक्ति के कान के नीचे मारा गया, उससे पूछो उसकी भाषा क्या है? उसने कहा कि अगर मराठी भाषा किसी के कान में नहीं जाती तो कान के नीचे मारना ज़रूरी है। राज ठाकरे ने कहा कि अगर महाराष्ट्र में रहना है तो मराठी सीखनी होगी।

क्या था पूरा मामला?

दरअसल 29 जून को राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मीरा रोड में एक दुकानदार की इसलिए पिटाई कर दी क्योंकि वह हिंदी में बात कर रहा था। यह विवाद बढ़ गया था। व्यापारियों ने विरोध किया था और यह मामला पुलिस तक भी गया था। इसीलिए आज राज ठाकरे मीरा रोड गए और अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन किया। राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं का समर्थन करते हुए कहा कि अगर किसी को मराठी समझ नहीं आ रही है, तो उसे कान के नीचे बजा देना चाहिए।

उन्होंने बताया कि 29 जून को मार्च के बाद जब लोग पानी खरीदने गए, तो मिठाई वाले ने पूछा कि आप मार्च क्यों निकाल रहे हैं? हमारे लोगों ने बताया कि हिंदी सख्ती का जीआर रद्द कर दिया गया है। तो उस व्यक्ति ने कहा कि यहाँ हिंदी का इस्तेमाल होता है और उसने जो बदतमीज़ी दिखाई, उसके लिए उसे कान के नीचे बजाना उचित था।

मेरी हिंदी अच्छी है, लेकिन मैं नहीं बोलूँगा।

हिंदी ने देश में लगभग 250 भाषाओं को खत्म कर दिया है। आज भी बिहार में लोग अपनी मातृभाषा बोलते हैं, हिंदी नहीं। हनुमान चालीसा हिंदी में नहीं, अवधी में है। मुझे सभी भाषाओं से प्यार है। मेरी हिंदी महाराष्ट्र के सभी नेताओं से अच्छी है। लेकिन मैं नहीं बोलूँगा, चले जाओ। राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि उन्होंने कहा था कि हिंदी भाषा पहला कदम है, बाद में उन्हें मुंबई को गुजरात में मिलाने का सपना आता है। राज ठाकरे ने कहा- ‘बीजेपी सांसद, दुबे, उसका नाम क्या है.. उसने कहा कि मराठी लोगों को पीट-पीटकर मार डाला जाएगा। दुबे, तुम मुंबई आओ, समुद्र में मैं तुम्हें मार डालूँगा।’

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