Raj Thackeray Maharashtra : महाराष्ट्र में मराठी भाषा को बचाने के लिए सियासत के दो बिछड़े भाई एक हो गए। एक मंच पर बालासाहेब के दो बेटे राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया और फिर से सियासी गठबंधन के संकेत भी दिए। दोनों भाइयों ने भाजपा के शीर्ष नेताओं पर हमला भी किया और कभी अब अलग न होने का वचन भी दिया। जिसके बाद भाजपा ने भी सामने आकर इस भाईचारे पर टिप्पड़ी की।
भाजपा ने जहाँ इसे महज सियासी नाटक बताया तो वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे हिंदी भाषा का अपमान करना कहा। उन्होंने हिंदी को देश का गौरव बताते हुए हमेशा हिंदी बोलने का संकल्प भी ले लिया। अब राज ठाकरे ने मराठी विजय सम्मेलन में हुई एक भूल के लिए माफ़ी मांगी है।
मुंबई में 20 साल बाद एक मंच से बोले राज-उद्धव
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों भाईयों ने शनिवार को मुंबई के वर्ली डोम में करीब 20 साल बाद एक साथ मिलकर राजनीतिक मंच साझा किया। मनसे के प्रमुख राज ठाकरे ने इस दौरान कहा कि सरकार द्वारा लागू किया गया त्रिभाषा फॉर्मूला, मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की उनकी योजना का संकेत है। उन्होंने यह बात अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में कही।
सोशल मीडिया पर राज ठाकरे ने मांगी माफ़ी
विजय रैली को संबोधित करने के बाद राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके माफी मांगी। उस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि उन्होंने रैली में कुछ खास लोगों का जिक्र नहीं कर पाने के लिए माफी मांगी है और मराठी जनता का धन्यवाद भी किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने हिंदी अनिवार्यता के खिलाफ खड़े होने वाले सभी लोगों का हृदय से स्वागत किया है और उनका धन्यवाद किया है, जिनमें मराठी न्यूज चैनल, अखबार, संगठन, दबाव समूह और कुछ कलाकार शामिल हैं। राज ठाकरे ने कहा कि मराठी पहचान के लिए यह एकता बनी रहेगी और फिर से सभी का धन्यवाद किया।
सरकार ने त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला वापस लिया
राज ठाकरे ने मजाकिया अंदाज में कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें और उद्धव को साथ ला दिया है, जो बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर सके। मंच पर बैठे उद्धव के सामने उन्होंने कहा कि मराठी लोगों की एकता की वजह से महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला वापस ले लिया। उन्होंने इसे मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की योजना का संकेत भी बताया।
मसला भाषा का नहीं चुनाव का है : भाजपा
इस सभा के बाद भाजपा के नेता आशीष शेलार ने ट्विटर पर पोस्ट कर ठाकरे भाइयों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह मामला भाषा का नहीं बल्कि चुनावी खेल है। शेलार ने कहा कि डर के कारण अब गठबंधन करने वाली यह सेना ‘भाईचारे’ की बात कर रही है। उनका दावा था कि यह सब सत्ता पाने के लिए किया जा रहा है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।