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मध्य प्रदेश की बारिश में घूमने लायक झरने और प्राकृतिक स्थल – Rainy Season Travel : Best Waterfalls and Natural Spots in Madhya Pradesh

Rainy Season Travel : Best Waterfalls and Natural Spots in Madhya Pradesh – मानसून का मौसम मध्य प्रदेश की धरती को नई हरियाली, ताजगी और जीवन से भर देता है। पहाड़ों की ढलानों से गिरते झरने, बादलों से ढके जंगल और ठंडी हवाएं इस समय यहां के प्राकृतिक स्थलों को देखने लायक बना देती हैं। खासकर बारिश के मौसम में, एमपी के कई झरने और प्राकृतिक स्थल अपनी सबसे सुंदर और जीवंत रूप में नजर आते हैं। इस लेख में हम जानेंगे मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख झरनों और मानसूनी पर्यटन स्थलों के बारे में, जहां प्रकृति प्रेमी सुकून और रोमांच एक साथ पा सकते हैं।

पचमढ़ी और उसके झरने
Pachmarhi & Surrounding Waterfalls
मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी, मानसून में बेहद मनमोहक हो जाता है। यहाँ के झरने और हरियाली इस मौसम में जीवंत हो उठते हैं।

बी फॉल्स – Bee Falls – पचमढ़ी का सबसे प्रसिद्ध झरना, जहाँ पानी सीधे चट्टानों से गिरता है और धुंध बनाता है।
डचेस फॉल्स-सिल्वर फॉल्स – छोटे ट्रेक के साथ पहुंचने वाले सुंदर झरने।

जिला – होशंगाबाद (अब: नर्मदापुरम) जुलाई से सितंबर का समय सबसे अच्छा है।

धुआंधार जलप्रपात – भेड़ाघाट जबलपुर Dhuandhar Falls, Bhedaghat
नर्मदा नदी पर स्थित धुआंधार जलप्रपात मानसून में अपनी पूरी ताकत और धुंआ जैसे दिखने वाले स्प्रे के कारण दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। संगमरमर की चट्टानों से घिरा हुआ यह क्षेत्र फोटोग्राफी और बोटिंग के लिए प्रसिद्ध है। संस्कारधानी जबलपुर अगस्त-सितंबर में धारा तीव्र होती है, नाव सेवा बंद हो सकती है लेकिन यहां के दृश्य अद्भुत होता है।

पन्ना का केन घड़ियाल अभयारण्य और रनेह फॉल्स – Raneh Falls, Ken Sanctuary panna
केन नदी पर स्थित रनेह जलप्रपात में बहते पानी के साथ बलुआ पत्थर की रंगीन चट्टानें अद्भुत दृश्य रचती हैं। पास में केन अभयारण्य भी है जहां मानसून में पक्षियों और हरे जंगलों का सौंदर्य देखने लायक होता है। जिला – पन्ना खजुराहो के पास मानसून में रनेह फॉल्स का जलस्तर चरम पर होता है।

चिड़ियाटापू और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व Satpura Forest Trails
बारिश में सतपुड़ा की पहाड़ियां हरियाली से ढक जाती हैं। यहां के प्राकृतिक ट्रेल्स और जंगल सफारी मानसून लवर्स के लिए परफेक्ट हैं। देनवा नदी, माधई गेट, और पचमढ़ी का जंगल इलाका विशेष हैं। जिला नर्मदापुरम जुलाई-सितंबर तक ग्रीनरी चरम पर, लेकिन सफारी सीमित हो सकती है।

बहूत झरना, रीवा – Bahuti Falls, Rewa
यह मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा झरना है जिसकी ऊंचाई लगभग 145 मीटर है। मानसून में इसका प्रवाह बेहद रोमांचकारी हो जाता है। यह झरना रीवा के पठारी क्षेत्र में स्थित है और स्थानीय पर्यटन में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जिला – रीवा जुलाई से सितंबर के बीच यहां के चचाई,बहुती,खंधो, पुरवा,क्योटी आदि जल प्रपातों का सौंदर्य चरम पर होता है।

शंभुधारा और झरना घाटी – Chirmiri Road Waterfalls
अनूपपुर और उमरिया जिलों के किनारे पर बसे शंभुधारा जैसे छोटे लेकिन सुंदर झरने मानसून में स्थानीय लोगों और ट्रेकिंग प्रेमियों को आकर्षित करते हैं।
जिला – अनूपपुर , शहडोल क्षेत्र मानसून में एक्सप्लोर करने योग्य ऑफबीट साइट्स।

विशेष – Conclusion
मध्य प्रदेश का मानसून केवल वर्षा ही नहीं लाता, बल्कि झरनों की गूंज, हरियाली का संगीत और प्राकृतिक शांति की अनुभूति भी देता है। अगर आप इस मौसम में भीगते हुए प्रकृति के बीच खुद को तरोताजा करना चाहते हैं, तो ये झरने और प्राकृतिक स्थल आपकी यात्रा सूची में अवश्य होने चाहिए।

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