क्या राहुल गांधी की जान को खतरा है या नया पॉलिटिकल ड्रामा?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने वीर सावरकर (Rahul Gandhi Veer Savarkar Defamation Case) मानहानि मामले में पुणे की विशेष MP/MLA कोर्ट (Pune Special MP/MLA Court) में एक सनसनीखेज दावा पेश किया है। उन्होंने कहा कि उनकी जान को खतरा है और कोर्ट से नाथूराम गोडसे (Rahul Gandhi Seeks Protection From Nathuram Godse Descendants) के वंशजों से सुरक्षा की मांग की है। यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है, और सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह एक गंभीर सुरक्षा चिंता है या महज एक नया पॉलिटिकल ड्रामा है?

राहुल गांधी ने अपनी याचिका में दावा किया कि सत्यकी सावरकर (Satyaki Savarkar), जो नाथूराम गोडसे के वंशज हैं और जिन्होंने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया, उनके लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “गोडसे के वंशजों का हिंसक इतिहास और मौजूदा राजनीतिक माहौल में मेरी सुरक्षा को लेकर गंभीर जोखिम है।” इसके समर्थन में उन्होंने बीजेपी नेता आरएन बिट्टू (RN Bittu) के “आतंकवादी” वाले बयान और तारविंदर मरवाह (Tarvinder Marwah) की हत्या की धमकी का हवाला दिया, जिसमें उनकी दादी इंदिरा गांधी का जिक्र था। राहुल ने कोर्ट से सुरक्षा और निष्पक्ष सुनवाई की मांग की है, लेकिन इस दावे की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं।

इस मामले की जड़ अप्रैल 2023 में सत्यकी सावरकर द्वारा दर्ज शिकायत में है, जिसमें राहुल ने लंदन में दिए भाषण में सावरकर पर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के आरोप लगाए थे। कोर्ट ने राहुल को 2 दिसंबर 2024 को पेश होने का आदेश दिया, जिसके बाद से यह विवाद और तूल पकड़ा है। राहुल की याचिका में सावरकर परिवार के प्रभाव और उनकी विचारधारा को खतरे के रूप में पेश किया गया, लेकिन कई लोग इसे राजनीतिक रणनीति मान रहे हैं।

विश्लेषकों (Analysts) का मानना है कि राहुल का यह कदम उनकी छवि को “पीड़ित” के रूप में पेश करने की कोशिश हो सकती है, जो कांग्रेस अक्सर मुश्किल हालात में अपनाती है। बीजेपी ने इसे “नाटक” करार देते हुए कहा, “राहुल हर बार खतरे का बहाना बनाते हैं, लेकिन सबूत नहीं देते।”

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