आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा।
Raghav Chadha have to Leave the government bungalow: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को अलॉटेड सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा। Raghav Chadha दिल्ली में आवंटित टाइप-7 बंगले में रहते हैं जिसमे रहने का उन्हें कोई अधिकार ही नहीं है. और वे इस बंगले में रहने के अधिकार का दावा भी नहीं कर सकते हैं. राघव को 3 सितंबर 2023 को दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-7 बंगला नंबर AB-5 अलॉट किया गया था.
राघव चड्ढा के सरकारी टाइप-7 बंगले का मामला कोर्ट में चल रहा था. शुक्रवार 6 अक्टूबर को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने अपने उस अंतरिम आदेश को वापस ले लिया जिसमे कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय को राधव चड्ढा से बंगला खाली न करवाने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने राघव चड्ढा के बंगले को लेकर क्या कहा?
पटियाला कोर्ट में सुनवाई कर रही बेंच ने कहा- राघव चड्ढा को टाइप-7 बंगले में रहने का विशेषाधिकार दिया गया, वे इस बंगले में रहने के अधिकार का दावा नहीं कर सकते। बता दें की राज्यसभा सचिवालय ने मार्च 3 को AAP सांसद को टाइप-7 बंगले का अलॉटमेंट रद्द करते हुए इसे खाली करने का आदेश दिया था. जिसके बाद राधव कोर्ट पहुंच गए थे.
राधव ने कोर्ट में कहा कि बतौर सांसद अभी उनका कार्यकाल 4 साल के लिए बचा है. ऐसे में उन्हें इसी बंगले में रहने का अधिकार है. हालांकि कोर्ट ने उन्हें दावे को ख़ारिज कर दिया।
कोर्ट के आदेश के बाद राघव चड्ढा ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा- राज्यसभा के 70 साल से ज्यादा समय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक राज्यसभा सांसद को उसके आवंटित आवास से हटाने की मांग की जा रही है. ये मनमानी फैसला है.
राघव के सरकारी बंगले से जुड़ा फैसला दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने सुनाया, और सांसद ने कोर्ट के फैसले को मनमानी कहा. इसके अलावा AAP सांसद ने इसका जिम्मेदार बीजेपी को ठहरा दिया। उन्होंने दावा किया कि उनसे पहले बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, राकेश सिन्हा, बसपा सांसद दानिश अली और पूर्व भाजपा सांसद रूपा गांगुली को टाइप-7 बंगला अलॉट किया जा चुका है. ये सभी पहली बार सांसद चुने गए थे.
उन्होंने कहा- राज्यसभा में 240 में से 180 ऐसे सांसद हैं जो अपनी पात्रता से अधिक वाले सरकारी बंगले में रहते हैं. सिर्फ उन्ही लोगों को टार्गेट किया जा रहा है जो केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं.
राघव चड्ढा टाइप-7 में रहने के लिए अपात्र हैं
राज्यसभा सचिवालय ने आप सांसद राघव चड्ढा को टाइप-7 बंगले में रहने के लिए अपात्र बताया है. सचिवालय ने कोर्ट को बताया कि पहली बार चुने गए सांसदों को टाइप-6 बंगला मिलता है.
टाइप-7 बंगला की पात्रता
सचिवालय ने कोर्ट को बताया कि टाइप-7 बंगला सिर्फ उन सांसदों के लिए है जो पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुके हों, पूर्व राज्यपाल हों, पूर्व मुख्य मंत्री हों या पूर्व लोकसभा अध्यक्ष हों. बता दें कि ऐसी मिस्टेक बीजेपी सांसद राधामोहन के साथ भी हुई थी जिसे टाइप-7 बंगला मिला था. बाद में उन्हें टाइप-5 बंगला दिया गया.