Qatar Indian Navy Officers News: भारत सरकार ने इस फैसले पर अपनी राय रखते हुए कहा की हम इस फैसले से हैरान हैं, अपने सैनिकों को छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोज रहे हैं.
क़तर की एक कोर्ट ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है.ये भारतीय सैनिक एक साल से अलग -अलग जेलों में बंद हैं. भारत सरकार ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि हम सभी सैनिकों को छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोज रहे हैं. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किये गए बयान में कहा गया कि हम फैसले की डिटेलिंग का इन्तजार कर रहे हैं। क़तर की सरकार ने हमारे 8 भारतीय सैनिकों पर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है. वहां जिन 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा दी गई है उनके नाम हैं – कैप्टन नवजोत सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, और सेलर रागेश।
महीने भर बाद सरकार और परिवार को गिरफ़्तारी की जानकारी मिली
क़तर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने भारतीय नौसेना के 8 अधिकारियों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया। हालाँकि भारतीय दूतावास को पहली बार सितम्बर में इनकी गिरफ्तारी की जानकारी दी गयी थी. 30 सितम्बर को इन भारतीयों को अपने परिवार के सदस्यों से थोड़ी देर के लिए फ़ोन पर बात करने की अनुमति दी गई. पहली बार कॉन्सुलर एक्सेस 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी के एक महीने बाद मिला।इस दौरान भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को इनसे मिलने दिया गया. फिर इनको हर हफ्ते परिवार के सदस्यों को फ़ोन करने की अनुमति दी गयी. दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस दिसंबर में दिया गया.
ट्रेनिंग कंपनी के लिए करते थे काम
भारत के 8 सैनिक क़तर में दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टेंसी नाम की प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. यह कंपनी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराती है. इसके प्रमुख ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी हैं.उन्हें भी भारतीय नौसैनिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें नवंबर में छोड़ दिया गया था.यह कंपनी क़तर की नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवा भी उपलब्ध कराती है. हालाँकि 8 भारतीयों की गिरफ्तारी के बाद यह कंपनी अब नहीं रही, इसका नया नाम दाहरा ग्लोबल हो गया है.
जासूसी की आशंका से हुए गिरफ्तार
क़तर सरकार ने आठों सैनिकों पर लगे आरोप को अभी तक सार्वजानिक नहीं किया है,सॉलिसिटी कन्फ़ाइनमेंट में भेजे जाने से यह चर्चा है कि उन्हें सुरक्षा सम्बन्धी अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.हालाँकि इसमें कोई तथ्य पेश नहीं किया गया है.क़तर की मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि ये भारतीय सैनिक इज़राइल के लिए उनके देश की जासूसी कर रहे थे।
पूर्णेन्दु तिवारी को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी मिल चुका है
दाहरा कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर रहे रिटायर्ड कमांडर तिवारी को भारत और क़तर के द्विपक्षीय सम्बन्धो को आगे बढ़ाने में उनकी सेवाओं के लिए 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी मिला था.यह पुरस्कार पाने वाले वे आर्म्ड फोर्सेस के एकमात्र व्यक्ति हैं.इसके लिए दोहा में भारतीय राजदूत ने उनका स्वागत भी किया था।