G20 Summit में Putin शामिल नहीं होंगे! क्या दिक्क्त है?

G20 Summit India: सितंबर में भारत में आयोजित होने वाली G20 Summit में रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin नहीं शामिल होंगे!

G20 Meeting India 2023: सितंबर महीने में भारत में होने वाली G20 Summit में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) हिस्सा नहीं लेंगे। रूसी क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया है कि G20 Summit में Putin की जगह रूस के विदेश मंत्री आ सकते हैं.

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गौरतलब है कि पिछले साल भारत को एक वर्ष के लिए G20 Summit की अध्यक्षता मिली थी. सितंबर महीने में दिल्ली में G20 Summit होने जा रही है जिसमे दुनिया के तमाम बड़े देशों के राष्ट्रपति-प्रधान मंत्री आने वाले हैं. उम्मीद यही थी कि रूस के राष्ट्रपति भी अपने दोस्त पीएम मोदी के बुलावे पर भारत आएंगे लेकिन इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में पुतिन के खिलाफ वॉर क्राइम्स को लेकर दर्ज केस के चलते पुतिन भारत नहीं आ रहे हैं. हालांकि अगर वो भारत आते भी तो उन्हें गिरफ्तार करने की कोई सोच भी नहीं सकता था.

पुतिन G20 Summit में भारत क्यों नहीं आ रहे

9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में G20 Summit हो रही है और इस मीटिंग में रूस का प्रतिनिधित्व व्लादिमीर पुतिन की जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। दरअसल पुतिन जानते हैं कि जिस मीटिंग में अमेरिका शामिल होगा वहां यूक्रेन जंग को लेकर चर्चा होगी। कुछ देशों को छोड़ दें तो इस मामले में पूरी दुनिया पुतिन के खिलाफ है.

वैसे पुतिन 22 से लेकर 24 अगस्त तक साउथ अफ्रीका में हुई BRICS Summit में भी शामिल नहीं हुए थे. यहां भी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ही शिरकत की थी. दरअसल यूक्रेन हमले और वॉर क्राइम्स को लेकर रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया है. अगर पुतिन साउथ अफ्रीका जाते तो वहां उनकी गिरफ़्तारी का खतरा था.

बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट के साथ तमाम देशों के साथ एक ट्रीटी है, जिसके तहत मेंबर देशों को इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश का पालन करना होता है. हालांकि कोई भी देश इंटरनेशनल कोर्ट के हुक्म का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है लेकिन आदेश ना मानाने पर UN में हाजिर होना पड़ता है. ये माथा-पच्ची वाला काम होता है.

गौरतलब है कि ICC (International Criminal Court) ने इसी साल व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था. उनपर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन हमले के दौरान गैरकानूनी तरीके से यूक्रेनी बच्चों को रूस डिपोर्ट किया है. इधर रूस का कहना है कि जब वो ICC का मेंबर है ही नहीं तो उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने का कोई मतलब ही नहीं है.

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