भारत को अपमान पसंद नहीं, Putin ने ऐसी बात बोली कि Trump खिसिया जाएंगे

Putin Modi News Today: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने हाल ही में एक बयान में दावा किया कि भारत ने रूसी तेल आयात (Russian Oil Imports) को लेकर अमेरिका के दबाव को ठुकरा दिया है। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की संप्रभुता की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को बनाए रखा है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब वैश्विक कूटनीति (Global Diplomacy) में तेल आयात और भू-राजनीतिक रणनीति चर्चा का केंद्र बनी हुई है।

पुतिन ने कहा कि भारत ने रूस के साथ अपने आर्थिक संबंधों (India Russia Economic Ties) को मजबूत करने का फैसला किया है, भले ही पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका, ने रूसी तेल पर प्रतिबंधों (Russian Oil Sanctions) के जरिए दबाव बनाने की कोशिश की। उन्होंने मोदी की नीतियों को “स्वतंत्र और साहसिक” करार देते हुए कहा कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और मजबूत कर रहा है।

भारत-रूस संबंधों का नया अध्याय

India Russia Bilateral Ties: भारत और रूस के बीच दशकों पुराना रिश्ता रहा है, और यह बयान उस रिश्ते को और गहरा करने का संकेत देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब वैश्विक तेल बाजार (Global Oil Market) में अस्थिरता बनी हुई है। भारत ने रूसी तेल को रियायती दरों पर खरीदकर अपनी अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को सहारा दिया है।

अमेरिका की चिंता और भारत का जवाब

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) के बाद रूस पर कई प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें तेल निर्यात पर रोक शामिल थी। हालांकि, भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए रूस के साथ व्यापार को जारी रखा। पुतिन ने इसे भारत की “रणनीतिक स्वायत्तता” का प्रतीक बताया।

पुतिन के इस बयान से भारत की वैश्विक छवि (India’s Global Image) और मजबूत होती दिख रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का यह रुख न केवल रूस के साथ उसके संबंधों को बल देता है, बल्कि अन्य विकासशील देशों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। भारत की यह नीति वैश्विक शक्ति संतुलन में भी बदलाव ला सकती है।

पुतिन का यह बयान न केवल भारत-रूस संबंधों (India-Russia Relations) को नई दिशा देता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या भारत का यह कदम पश्चिमी देशों के साथ उसके रिश्तों (Western Relations) को प्रभावित करेगा? आने वाले दिनों में वैश्विक कूटनीति में भारत की भूमिका (India’s Role) और भी रोचक होने वाली है।

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