Bhakra Canal Project : पंजाब ने भाखड़ा नगर परियोजना के एवज में हरियाणा सरकार से की 113 करोड़ की डिमांड, जानें क्या है पूरा मामला?

Bhakra Canal Project : भाखड़ा नहर के रखरखाव को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच तनाव बढ़ गया है। पंजाब ने हरियाणा सरकार से भाखड़ा नहर के रखरखाव के लिए 113.24 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की है। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को यह जानकारी दी। चीमा ने कहा कि पंजाब ने हरियाणा सरकार को 113.24 करोड़ रुपये का बिल भेजा है, जिसका भुगतान किया जाना है। उन्होंने यहां पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “हमें 113.24 करोड़ रुपये की लंबित देनदारी के बारे में पता चला है और इसका बिल हरियाणा सरकार को भेज दिया गया है।”

भाखड़ा नहर परियोजना क्या है? Bhakra Canal Project

भाखड़ा नहर परियोजना भारत की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई के लिए पानी और पनबिजली का उत्पादन करना है। यह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सतलुज नदी पर बना एक कंक्रीट का गुरुत्वाकर्षण बांध है। इसकी ऊंचाई लगभग 226 मीटर है। यह भारत के सबसे ऊंचे बांधों में से एक है। इसका निर्माण 1948 में शुरू हुआ और 1963 में पूरा हुआ। भाखड़ा नहर प्रणाली नहरों का एक विस्तृत नेटवर्क है जो नांगल बाँध से निकलती है और पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की लाखों हेक्टेयर शुष्क भूमि को पानी प्रदान करती है।

इस नहर परियोजना से किन राज्यों को लाभ होता है?

इस नहर प्रणाली की कुल लंबाई हज़ारों किलोमीटर में फैली हुई है। इस नहर प्रणाली ने सिंचाई व्यवस्था में सुधार किया। इस परियोजना ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में 1 करोड़ एकड़ से ज़्यादा भूमि की सिंचाई की है, जिससे इन राज्यों में कृषि उत्पादन में भारी वृद्धि हुई और ये “भारत के अन्न भंडार” के रूप में उभरे। भाखड़ा-नांगल परियोजना से मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान लाभान्वित होते हैं। इनके अलावा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली को भी इस परियोजना से पानी और बिजली के रूप में लाभ मिलता है।

ऑडिट के दौरान बकाया राशि का पता चला। Bhakra Canal Project

चीमा ने हरियाणा सरकार से बकाया राशि वसूल न करने के लिए राज्य की पिछली सरकारों की आलोचना की। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा किए गए एक आंतरिक ऑडिट के दौरान बकाया राशि का पता चला। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा सरकार पिछले कई वर्षों से भाखड़ा मेन लाइन नहर के रखरखाव के लिए भुगतान नहीं कर रही है। भाखड़ा-नंगल बांध परियोजना स्थल पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा केंद्र को 8.58 करोड़ रुपये का भुगतान करने के हालिया कदम पर चीमा ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि सीआईएसएफ की तैनाती अस्वीकार्य है।

केंद्र सरकार इन हथकंडों के जरिए पंजाब से पानी छीनना चाहती है।

मंत्री ने कहा कि पंजाब विधानसभा ने भी भाखड़ा-नंगल बांध परियोजना स्थल पर सीआईएसएफ तैनात करने की योजना को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। चीमा ने कहा कि पंजाब पुलिस पिछले 70 वर्षों से बांध स्थल पर सुरक्षा प्रदान कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, “एक सुनियोजित साजिश के तहत, केंद्र और हरियाणा सरकारें इस तरह के हथकंडों के जरिए पंजाब का पानी छीनने की कोशिश कर रही हैं।” चीमा ने कहा, “हम सीआईएसएफ की तैनाती की अनुमति नहीं देंगे और न ही तैनाती पर होने वाले किसी भी खर्च को वहन करेंगे। हम इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे।”

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