रीवा। बच्चों को संस्कारों से अवगत कराना, दिव्यागों एवं जरूरत मंदो तक पहुचना ही भारत विकास परिषद का उद्रेश्य है। इस पर खरा उतरने के लिए परिषद की एक प्रांतीय कार्यशाला रीवा में आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश भर से शामिल हुए पदाधिकारियों को परिषद के मूल मंत्र से अवगत कराया गया है। तीन सत्रों में आयोजित हुई कार्यशाला को भारत विकास परिषद के प्रांताध्यक्ष डॉक्टर देवेन्द्र तिवारी, प्रांत सलाहकार व्हीपी सूरी, प्रांतीय महासचिव योगेश जैन, प्रांत वित्त सचिव आलोक खडियार, शाखा अध्यक्ष कमल सूरी, शाखा सचिव राजेन्द्र ताम्रकार ने सम्बोधित करते हुए पदाधिकारियों को आगामी एक वर्ष के काम-काज को लेकर मोटीवेट किए है।
ज्ञान से ही बच्चों में बदलाव
प्रांताध्यक्ष डॉक्टर देवेन्द्र तिवारी ने कहा कि ज्ञान से ही बच्चों में बदलाव लाया जा सकता है। उन्होने कहा कि मोबाईल का जिस तरह से उपयोग हो रहा है। उससे बच्चों के संस्कार में बदलाव आ रहे है। यह बच्चों के जीवन एवं समाज के लिए अच्छा नही है। यह संगठन बच्चों को इससे बाहर निकालने एवं संस्कार का ज्ञान देने का काम कर रहा है। उन्होने बताया कि इस कार्यशाला में सभी पदाधिकारियों को संगठन के कामों से अवगत कराने के साथ ही एक वर्ष तक चलने वाले संगठन के कामों को लेकर जिम्मेदारी भी दी जा रही है।
देश भर में कर रहा काम
शाखा प्रमुख कमल सूरी, सचिव राजेन्द्र ताम्रकार ने बताया कि भारत विकास परिषद के बेहतर कामों का यह परिणाम है कि आज देश भर में यह संगठन काम कर रहा है और इसकी सैकड़ों शाखाएं संचालित हो रही है। जिसके माध्यम से दिव्यांग, जरूरत मंद एवं बच्चों को यह संस्था आगे बढ़ाने का काम कर रही है।