शिवराज सरकार द्वारा मैहर को जिला घोषित करने के बाद भी शहर में जगह-जगह ऐसे बैनर लगे हैं. ये पार्टी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं लेकिन विपक्ष के लिए माहौल भुनाने का तगड़ा मौका है.
Posters Against Shivraj Government In Maihar: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शिवराज सरकार जनता से वोट हासिल करने के लिए क्या कुछ नहीं कर रही है? घोषणाएं, शिलान्यास, उद्घाटन, दावे-वादे मतलब शिवराज सिंह चौहान से जो बल पड़ रहा है, वो कर रहे हैं. और अपने मंत्रियों-विधायकों से करवा रहे हैं. लेकिन सीएम चौहान जितनी कोशिश कर लें वे एमपी में रहने वाले सभी लोगों को तो खुश नहीं कर सकते। इस बात का एक ताजा उदाहरण नवघोषित जिला ‘मैहर’ में देखने को मिला है, जहां सड़कों में ”शिवराज सरकार वोट मांगकर हमें शर्मिंदा न करें” के बैनर लगे हुए हैं. जबकि सरकार ने हाल ही में मैहर को जिला घोषित कर जनता की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा किया है.
मैहर में शिवराज सरकार के खिलाफ पोस्टर क्यों लगे?
कहा जा रहा है कि मैहर के गली-चौहरों में लगे ”शिवराज सरकार वोट मांगकर हमें शर्मिंदा न करें” के पोस्टर लगवाने का काम विपक्ष ने नहीं बल्कि मैहर के एक कस्बे ‘घुनवारा’ की जनता ने किया है. यहां की अवाम सीएम चौहान की वादाखिलाफी से नाराज हैं. ये वादे तब किए गए थे जब मध्य प्रदेश में बीजेपी ने तीसरी बार शिवराज सरकार बनाने के दो साल पूरे कर लिए थे. यानी घुनवारा के लिए 8 साल पहले जो घोषणाएं की गईं थीं उन्हें आजतक पूरा नहीं किया गया है. जाहिर है जनता नाराज तो होगी ही.
पोस्टर के नीचे वो तीन घोषणएं भी लिखी गईं हैं जिन्हे 8 साल बाद भी पूरा नहीं किया गया है.
- घुनवारा को तहसील का दर्जा
- घुनवारा बसौरा पन्ना रोड
- आई. टी.आई. कॉलेज
बता दें कि 26 सितंबर 2015 को सीएम चौहान मैहर के घुनवारा गांव आए थे. तब मुख्यमंत्री ने 28 करोड़ के निर्माणकार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया था. इस दौरान उन्होंने घुनवारा को तहसील बनाने, घुनवारा से बसौरा पन्ना तक रोड बनवाने और ITI कॉलेज स्थापित करने की घोषणाएं की थीं.
वहीं घुनवारा की जनता का कहना है कि सीएम ने यहां 30 बेड का हॉस्पिटल, पुलिस चौकी, स्मार्ट विलेज, रेलवे स्टेशन हाल्ट, कृषि उपज मंडी की उपमंडी, सिंचाई के लिए लिए नर्मदा नहर का पानी, नर्मदा नहर पर काली माटी व पनसोखरा आवागमन के लिए दो पुल बनाने और घुनवारा को स्मार्ट विलेज घोषित करने का भी आश्वासन दिया था. हालांकि इनमे में एक-आध मांगे पूरी हुईं लेकिन तीन बड़ी घोषणओं को पूरा नहीं किया गया.
मैहर के गांव घुनवारा की जनता ये मांग और विरोध मध्य प्रदेश चुनाव को देखते हुए नहीं कर रही है. बल्कि ये सिलसिला तभी से चलता आ रहा है जब शिवराज सरकार ने एमपी में अपना तीसरा टर्म पूरा करने के बाद भी घोषणाओं को पूरा नहीं किया था. पिछले विधानसभा चुनाव में भी घुनवारा की जनता इन्ही मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ थी. इसका असर चुनाव में देखने को भी मिला था. मैहर से बीजेपी की टिकट पर नारायण त्रिपाठी बहुत कम मार्जिन के साथ विजयी हुए थे.
मैहर जिला बना तो घुनवारा तहसील क्यों नहीं?
अबतक सतना की तहसील रही मैहर के लोग इसे जिला बनाने की मांग कर रहे थे. अब मैहर जिला बन गया है तो यहां के एक गांव घुनवारा के लोग इसे तहसील में तब्दील करवाना चाहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब मैहर तहसील से जिला बन गया है तो घुनवारा को तहसील बनाने में क्या दिक्क्त है? जाहिर है तहसील बनने पर गांव का विकास ही होगा।
विपक्ष के लिए अच्छा मुद्दा!
घुनवारा की जनता नाराज है. मैहर को जिला घोषित करने के बाद भी यहां शिवराज सरकार का विरोध हो रहा है तो ये भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. लेकिन विपक्ष के पास इस माहौल को भुनाने का अच्छा मौका है. खैर… ऐसी संभावनाओं को भी ख़ारिज नहीं किया जा सकता है कि सकड़ों में लगे ‘शिवराज सरकार विरोधी’ बैनर को लगाने में विपक्षी नेताओं की भूमिका नहीं है.