बिहार के भोजपुर जिले में मंगलवार सुबह चंदन मिश्रा हत्याकांड के आरोपियों और पुलिस के बीच तीखी मुठभेड़ हुई। यह घटना बिहियां थाना क्षेत्र के बिहियां-कटेया रोड के पास सुबह करीब 5 बजे हुई, जब बिहार स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और भोजपुर जिला पुलिस ने संयुक्त रूप से हत्याकांड के संदिग्धों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ में दो अपराधी घायल हो गए, जबकि एक अन्य को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि चंदन मिश्रा की हत्या में शामिल अपराधी बिहियां क्षेत्र में छिपे हुए हैं। इसके आधार पर STF और भोजपुर पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस ने संदिग्धों को रोका, अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलीबारी की, जिसमें दो अपराधी, बलवंत कुमार सिंह (22, लीलाधरपुर, बक्सर) और रविरंजन सिंह (20, चक्रही, भोजपुर), घायल हो गए। बलवंत को हाथ और पैर में गोली लगी, जबकि रविरंजन की जांघ में गोली लगी। दोनों को बिहियां अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया। हथियार और गिरफ्तारी
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने तीसरे संदिग्ध, अभिषेक कुमार को गिरफ्तार किया। मौके से दो पिस्तौल, एक देसी कट्टा, दो मैगजीन और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार, ये तीनों संदिग्ध 17 जुलाई को पटना के पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या में शामिल थे।
चंदन मिश्रा हत्याकांड
Chandan Mishra Murder Case: चंदन मिश्रा, एक कुख्यात अपराधी, जिसके खिलाफ हत्या सहित दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज थे, को 17 जुलाई 2025 को पटना के पारस अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मिश्रा उस समय मेडिकल पैरोल पर था और लीवर सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती था। सीसीटीवी फुटेज में पांच हथियारबंद लोग अस्पताल के आईसीयू में घुसकर मिश्रा पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए दिखे। इस हत्याकांड को एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह द्वारा अंजाम दिया गया माना जा रहा है।
पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह हत्या एक गैंगवार का परिणाम थी। मिश्रा का भगवानपुर जेल में एक अन्य अपराधी शेरू के साथ विवाद था, जिसके गिरोह पर इस हत्या का शक है। पुलिस ने पहले कोलकाता से चार अन्य आरोपियों – मोहम्मद तौसीफ उर्फ बादशाह, निशु खान उर्फ भाईजान, हर्ष कुमार और भीम कुमार को गिरफ्तार किया था। मंगलवार की मुठभेड़ के बाद अब तक इस मामले में सात लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि दो अन्य संदिग्ध अभी फरार हैं।