लोकसभा में 1 जुलाई को एक अभूतपूर्व घटना देखने को मिली। विपक्षी नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनके भाषण के दौरान खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने टोका (PM Modi ने राहुल गांधी पर आपत्ति जताई)। पिछले 10 सालों में यह पहली बार है जब पीएम मोदी (PM Modi) ने खुद किसी सांसद के भाषण में हस्तक्षेप किया। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के भाषण के बीच में ही PM Modi अपनी कुर्सी से खड़े हो गए। दरअसल, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए Rahul Gandhi ने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘जो खुद को हिंदू कहते हैं, वे हिंसा की बात करते हैं।’ कांग्रेस सांसद की इस टिप्पणी का सत्ता पक्ष ने विरोध किया।
राहुल गांधी कह रहे थे,
“ये देश अहिंसा का देश है. ये देश डर का देश नहीं है. हमारे देश के सभी महापुरुषों ने अहिंसा की बात की. डर को खत्म करने की बात की. डरो मत, दूसरों को डराओ मत. दूसरी तरफ भगवान शिव कहते हैं डरो मत, दूसरों को डराओ मत. वो अभय मुद्रा दिखाते हैं. अहिंसा की बात करते हैं. अपना त्रिशूल ज़मीन में गाड़ देते हैं. और जो अपने आप को हिंदू कहते हैं… 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा… नफ़रत-नफ़रत-नफ़रत… असत्य-असत्य-असत्य… आप कतई हिंदू नहीं हैं. हिंदू धर्म में साफ़ लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए. सत्य से डरना नहीं चाहिए. अहिंसा हमारा प्रतीक है.”
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Rahul Gandhi की हिन्दू पर टिप्पणी करने पर हंगामा होने लगा. खुद PM Modi खड़े हो गए. PM ने कहा,
“विषय बहुत गंभीर है. पूरे समाज को हिंसक कहना ये गंभीर विषय है.”
वहीं Rahul Gandhi ने पलटवार करते हुए कहा कि PM Modi और बीजेपी पूरा हिन्दू समाज नहीं है. राहुल बोले,
“नरेंद्र मोदी जी पूरा हिन्दू समाज नहीं हैं. BJP पूरा हिन्दू समाज नहीं है. RSS पूरा हिन्दू समाज नहीं है.”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी Rahul Gandhi के बयान पर आपत्ति जताई। अमित शाह ने कहा कि विपक्षी नेता को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने हिंसा की भावना को एक धर्म से जोड़ दिया है।