दीदी के गढ़ में मोदी का हल्लाबोल, TMC को क्या बोले पीएम मोदी?

PM Modi In Jalpaigudi

PM Modi रविवार को बिहार के नवादा में रैली करने के बाद दोपहर 2:30 बजे पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। 30 मिनट की स्पीच में पीएम ने TMC,कांग्रेस और भ्र्ष्टाचारियों पर निशाना साधा।

मोदी ने खड़गे के कश्मीर को लेकर दिए बयान का भी जवाब दिया। मोदी ने कहा-कल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मोदी दूसरे राज्यों में कश्मीर की बात क्यों करते हैं. उनके लिए कश्मीर कुछ नहीं है लेकिन 140 करोड़ भारतियों के लिए कश्मीर मां भारती के मस्तक समान है.

इसके साथ ही पीएम ने TMC को कानून और संविधान को कुचलने वाली पार्टी बताया। मोदी ने कहा-यहां जब केंद्र की जांच एजेंसियां आती हैं तो टीएमसी उन पर हमले कर्फ़्ती है और लोगों से करवाती हैं. संदेशखाली में क्या हुआ, पूरा देश जान चूका है.

पीएम 3 दिन में दूसरी बार पश्चिम बंगाल पहुंचे। इससे पहले 4 अप्रैल को उन्होंने कूचबिहार में रैली की थी. इसी दिन ममता बनीर्जी ने भी कूचबिहार में ही रैली की थी. PM ने कहा था-संदेशखाली के दोषियों को मोदी सजा दिलवाकर ही रहेगा। उनकी बाकी जिंदगी जेल में ही कटेगी।

मैं गरीबों को भ्र्ष्टाचार के पैसे लौटाउंगा: मोदी

क्या संदेशखाली के अपराधियों को कड़ी सजा होनी चाहिए कि नहीं, उनकी जिंदगी जेलों में जानी चाहिए। क्या राशन घोटाले, टीचर भर्ती घोटाला करने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं, मैं आज बंगाल की धरती से गारंटी देता हूं,जिन लोगों ने भ्र्ष्टाचार के पैसे जमा किये हैं. ईडी ने 3 हजार करोड़ रुपए अटैच करके राखी है, मैं एडवाइस ले रह हूं, जो सरकारी नौकरी में लोगों के पैसे गए. ये पैसे में गरीबों को वापस करवाउंग।

बेचारा टीचर की नौकरी का पैसा दिया, मैं उसका पैसा वापस दिलाउंगा। कांग्रेस पर टीएमसी एक दूसरे के भ्र्ष्टाचारियों को बचाने के लिए INDI गठबंधन बनाया है,मैं कहता हूं भ्र्ष्टाचार मिटाओ,वो कहते हैं भ्र्ष्टाचार बचाओ।

TMC कानून और संविधान को कुचलने वाली पार्टी: मोदी

हर पोलिंग बूथ पर टीएमसी की जमानत जब्त हो. यहां जब केंद्र की जांच एजेंसियां आती हैं तो टीएमसी उन पर हमले करती है ोरों से करवाती है. ये पार्टी कानून और संविधान को कुचलने वाली पार्टी है. संदेशखाली में क्या हुआ,पूरा देश जान चूका है. माताओं बहनों के साथ इतना अत्याचार हुआ. हालत ये है कि यहां हर मामले में कोर्ट को दखल देना पड़ता है.

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