Pitra Paksha 2024 : पितृ पक्ष (श्राद्ध पक्ष) की शुरुआत हो चुकी है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं। ये 15 दिनों तक चलते हैं। इन दिनों पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उनका तर्पण किया जाता है। रोज सुबह पूर्वजों के नाम से पानी दिया जाता है और भोजन रखा जाता है। बाद में इस भोजन को कौवे को खाने के लिए देते हैं। लेकिन पितृ पक्ष में भी कई नियम लागू होते हैं। इनमें एक नियम खरीददारी नहीं करना शामिल है।
पितृ पक्ष में नहीं करते हैं खरीददारी (Pitra Paksha 2024)
भाद्र मास की पूर्णिमा से लेकर अश्विनी मास की अमावस्या तक पितरों की सेवा की जाती है। इसे पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष कहते हैं। इन 15 दिनों तक पितरों को याद करते हुए उन्हें तर्पण दिया जाता है। इन दिनों पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में कोई भी नया सामान नहीं खरीदा जाता है। इन 15 दिनों में घर में न कोई नया कपड़ा, न ही इलेक्ट्रॉनिक सामान या वाहन खरीदना चाहिए। पितृ पक्ष में नया सामान खरीदना अशुभ होता है। आईये जानते हैं कि पितृ पक्ष में नया सामान क्यों नहीं खरीदा जाता है।
पितृ पक्ष में ऐसे दें पूर्वजों को पानी
सबसे पहले ये जानते हैं कि पितृ पक्ष (Pitra Paksha 2024) में पूर्वजों की पूजा कैसे की जाती है। इन दिनों रोजाना सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर सफेद वस्त्र पहनकर पूर्वजों को पानी दिया जाता है। इस पानी में फूल, बेल पत्र, चावल, तिल और जौ डाला जाता है। पानी देने के लिए नया सफेद कपड़ा पितृ पक्ष शुरू होने के एक दिन पहले ही खरीद लेना चाहिए।
क्यों नहीं खरीदना चाहिए नया सामान?
शास्त्रों में उल्लेख है कि पितृ पक्ष में कोई भी नया सामान खरीदना अशुभ माना जाता है। इन 15 दिनों में जमीन, सोना चांदी के गहने, नये कपड़े भूल से भी नहीं खरीदना चाहिए। यहां तक कि वाहन भी नहीं खरीदे जाते हैं। इन दिनों में शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। पितृ पक्ष के बाद नवरात्रि की शुरुआत होती है। नवरात्रि में नया कपड़ा खरीदना चाहिए।
पितृ पक्ष में इन कामों को न करें (Pitra Paksha 2024)
पितृ पक्ष के दिनों में अगर घर में कोई सदस्य पितरों की पूजा करता है या श्राद्ध करता है तो उस घर में देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जाती है। उस घर में देवता पूजा स्वीकार नहीं करते हैं क्योंकि 15 दिनों तक पितरों की सेवा से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं।
पितृ पक्ष (Pitra Paksha 2024) में पितरों का श्राद्ध करने वाला व्यक्ति मास, मंदिरा, बाहर का भोजन नहीं करता है।
पितृ पक्ष में घर में नई वस्तु की खरीदारी नहीं की जाती है। इसके अलावा नया कपड़ा भी नहीं पहना जाता है।
पितृ पक्ष के दौरान बाल व नाख़ून नहीं कटवाना चाहिए। बाल कटवाने से पितर नाराज होते हैं।
पितृ पक्ष के 15 दिनों में घर के द्वार से किसी भिक्षुक को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
पितृ कभी भी किसी भेष में दरवाजे पर आशीर्वाद देने आ सकते हैं।
पितृ श्राद्ध करने के बाद कम से कम एक ब्राह्मण को भोजन जरूर कराना चाहिए।