Pawan Singh Controversy : पवन सिंह ने कहा- मैं नहीं लड़ूंगा चुनाव, बिगड़ी इमेज या कुछ और है वजह?

Pawan Singh Controversy : कभी भाजपा से चुनाव लड़ने की बात को लेकर, तो कभी अपनी पत्नी को लेकर, तो कभी किसी न किसी एक्ट्रेस के साथ बदसलूकी को लेकर पवन सिंह का नाम सुर्खियों में आ ही जाता है। अब तो एक एक नया बवाल हो गया। 10 दिन पहले ही पवन सिंह बीजेपी दिग्गजों के साथ तस्वीर साझा की थी, जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म था की अब पवन सिंह बिहार से चुनाव लड़ेंगे। मगर अब पवन सिंह ने खुद अब ये क्लियर कर दिया है की वो चुनाव नहीं लड़ेंगे। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पवन सिंह की बिगड़ती एमेज के चलते भाजपा के हाईकमान ने उन्हें अल्टीमेटम दे दिया कि खुद हट जाओ वरना हम हटाएंगे तो ज्यादा बेज्जती होगी। इसलिए पवन सिंह ने सामन आकर खुद ही कह दिया कि मैं चुनाव लड़ने नहीं आया था और न लड़ूंगा।

पवन सिंह ने कहा- मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा

भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने 1 अक्टूबर 2025 को बीजेपी में वापसी की, जिसके उनके चुनाव लड़ने की अफवाहों को जोरमिल गया। लेकिन महज 10 दिनों बाद, यानी 11 अक्टूबर को उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर साफ कह दिया, “मैंने चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं की थी।” पवन सिंह ने पोस्ट में लिखा “मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और न ही मुझे चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।” ये घोषणा उन्होंने तभी की जब पवन सिंह की पर्सनल लाइफ का ड्रामा सोशल में मीडिया में जमकर उछाला जा रहा है, उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने उनपर गंभीर आरोप लगाए।

राजनीति में कैसे आए पवन सिंह

पवन सिंह साल 2024 में राजनीति में आए थे। पवन सिंह को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया था, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया, और बिहार के कारकाट से इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी, मतलब उनका नाम पीछे भागने वालों की लिस्ट में पहले शुमार है। उनके इस कदम से पार्टी भी नाराज हुई और वो चुनाव भी हार गए, 2025 आते-आते एकबार फिर जब बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा तो पवन सिंह फिर चल पड़े अपनी किस्मत आजमाने। पर शायद इसबार भी उनकी किस्मत को दीमक चाट गया, उनकी राजनितिक गाड़ी चलती उससे पहले ही उनकी पत्नी ने ब्रेक पर पांव रख दिया।

पवन सिंह क्यों चर्चा में रहते हैं?

एक अक्टूबर को दिल्ली में अमित शाह, जेपी नड्डा, विनोद तावड़े और उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में पवन बीजेपी में लौट आए। कुशवाहा ने पुरानी दुश्मनी भुला दी और तावड़े ने कहा, “पवन सिंह का स्वागत है, वे एनडीए की ताकत बढ़ाएंगे।” अराह या बरहरा से टिकट की अटकलें लगने लगीं। बीजेपी को उम्मीद थी कि पवन के राजपूत वोटबैंक से शाहाबाद क्षेत्र में वापसी होगी, जहां 2020 में एनडीए सिर्फ 2 सीटें जीत पाया था। लेकिन यह खुशी ज्यादा न टिकी। 5 अक्टूबर को लखनऊ में पवन के घर पर ड्रामा हो गया। ज्योति सिंह फैमिली से मिलने पहुंचीं, लेकिन कथित तौर पर उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया गया। वायरल वीडियो में ज्योति रोते हुए कहती नजर आईं, “मैं जहर खा लूंगी! पवन ने मेरे खिलाफ एफआईआर कराई है।” उन्होंने पवन पर बेवफाई का आरोप लगाया – कहा कि चुनाव के बाद उन्होंने किसी दूसरी महिला को होटल ले जाते देखा। 8 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्योति ने और गंभीर आरोप लगाए, “पवन ने मुझे अबॉर्शन पिल्स दीं, टॉर्चर किया। वे बच्चा चाहते थे, लेकिन पिल्स क्यों दीं? मैंने 25 स्लीपिंग पिल्स खा ली थीं, अस्पताल ले जाया गया।” यह मामला सालों पुराना है। पवन की पहली पत्नी नीलम सिंह ने 2015 में आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद 2018 में ज्योति से शादी हुई, तलाक का केस कोर्ट में चल रहा है। ज्योति ने 2021 में ही घरेलू हिंसा के आरोप लगाए थे।

इस बीच पवन सिंह को मिली वाई-सुरक्षा

इस ड्रामे के बीच 8 अक्टूबर को पवन को वाई-कैटेगरी सिक्योरिटी मिली, जिसने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया। अब आता है ताजा ट्विस्ट। 10 अक्टूबर को ज्योति पटना पहुंचीं और जनसुराज चीफ प्रशांत किशोर से मिलीं। अटकलें लगीं कि वे टिकट मांगने गईं। लेकिन ज्योति ने क्लियर किया, “मैं टिकट या चुनाव की बात करने नहीं आई। मेरा मकसद है कि बिहार की कोई और औरत वो अन्याय न झेले जो मैंने झेला। दबे-कुचले महिलाओं की आवाज बनना चाहती हूं।”

ज्योति सिंह पर प्रशांत किशोर ने क्या कहा?

पवन सिंह की पत्नी ज्योंति सिंह को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा, “ज्योति एक बिहारी महिला के तौर पर आईं। चुनाव या टिकट का कोई जिक्र नहीं। वे गंभीर अन्याय का शिकार हैं। जनसुराज उनकी सेफ्टी और डेमोक्रेटिक राइट्स के लिए साथ खड़ा है, लेकिन फैमिली मामलों में दखल नहीं देंगे। कानून के दायरे में लड़ें। पवन सिंह मेरे दोस्त हैं, उनके फैमिली इश्यू पर कमेंट नहीं करूंगा।” यह मीटिंग जनसुराज के 51 कैंडिडेट्स लिस्ट रिलीज के ठीक एक दिन बाद हुई।

पवन सिंह के चुनाव न लड़ने की वजह

आज पवन सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। अब इसके पीछे की असल वजह क्या है ये आप लोग कमेंट कर जरूर बताइयेगा। क्या इसके पीछे पत्नी से विवाद है? या पार्टी ने इमेज खराब होने के कारण उन्हें खुद रोक दिया। या फिर पवन सिंह ने खुद पिछली बार की तरह बजेपी को धोखा दिया है। राजनितिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्ट्रैटेजी है, लास्ट मिनट नामांकन करने की। लेकिन फैक्ट ये है कि अब पवन स्टार कैंपेनर बनकर एनडीए की मदद करेंगे। बिहार चुनाव नवंबर में हैं, और यह ड्रामा वोटर्स को कैसे प्रभावित करेगा, ये देखना दिलचस्प होगा। क्या ज्योति की आवाज महिलाओं के लिए नई शुरुआत बनेगी? या पवन का कदम बीजेपी को बूस्ट देगा? ये समय ही बताएगा।

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