Pandit Pradeep Mishra: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार, पंडित प्रदीप मिश्रा ने उठाई एकता की पुकार

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Pandit Pradeep Mishra News: कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर एवं प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की। उन्होंने इसे भारत के हृदय एवं हर भारतीय के आत्मसम्मान पर प्रहार बताया। भावुक स्वर में कहा कि यह सुनियोजित दमन है, जिसका मकसद हिंदुओं को डराना, उनकी एकता तोड़ना एवं आत्मबल कुचलना है।

Pandit Pradeep Mishra News: कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे भारत के हृदय पर प्रहार बताया और हिंदू समाज से एकजुट होने की अपील की।

भारत के आत्मसम्मान पर चोट है अत्याचार

पंडित प्रदीप मिश्रा ने भावुक अंदाज में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही ज्यादतियां किसी दूसरे देश की घटना नहीं, बल्कि हर भारतीय के आत्मसम्मान पर हमला है। उनकी वाणी में पीड़ा के साथ-साथ देश और धर्म के प्रति गहरी चिंता झलक रही थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुनियोजित दमन है, जिसका उद्देश्य हिंदुओं को डराना, उनकी एकता तोड़ना और आत्मबल कुचलना है।

हालिया घटनाओं ने मानवता को शर्मसार किया

पंडित मिश्रा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के भय और आतंक के माहौल का जिक्र करते हुए कहा कि हाल की घटनाएं जैसे दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की निर्मम हत्याएं, घरों और मंदिरों पर हमले, महिलाओं की असुरक्षा और बच्चों का भविष्य से डरना – ये सब सनातन धर्म पर सीधी चोट हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये अत्याचार बांग्लादेश की सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को घायल करने का प्रयास हैं।

अब जागने और एकजुट होने का समय

कथावाचक ने देशवासियों से अपील की कि कथाएं, सत्संग और धार्मिक आयोजन हमें यही सिखाते हैं – जागना, समझना और संगठित होना। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथन “बटोगे तो कटोगे” को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई नारा नहीं, बल्कि इतिहास का कड़वा सच है। हिंदू समाज को मतभेद भुलाकर एक स्वर में खड़ा होना होगा।

भारत को राजनीतिक और आर्थिक रूप से ही नहीं, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत बनाना जरूरी है। सनातन की रक्षा ही राष्ट्र की रक्षा है, और राष्ट्र की रक्षा आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा। पंडित मिश्रा ने स्पष्ट किया कि भारत हिंसा नहीं चाहता, लेकिन अन्याय के खिलाफ खड़े होने का साहस जरूर रखता है। जो हिंदुओं पर आतंक मचा रहे हैं, उन्हें जान लेना चाहिए कि यह मानवता के विरुद्ध अपराध है और इसे रोका जाएगा। आने वाला समय भारत के संकल्प और सामर्थ्य का साक्षी बनेगा।

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