कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा-पुलिस सहयोग नहीं कर रही

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Kolkata Law College Gang Rape Case: पुलिस को यह तक नहीं पता कि वे इस वक्त कहां हैं। उन्होंने मुझे अपराध स्थल का वीडियो रिकॉर्ड करने से भी रोक दिया।’ वहीं, भाजपा ने रविवार शाम को कोलकाता में ‘कन्या सुरक्षा यात्रा’ निकाली, जो विक्टिम का समर्थन और अपराध का विरोध दर्ज कराने के लिए आयोजित की गई। यह मार्च पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में निकाला गया।

Kolkata Law College Gang Rape Case: कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में रविवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है। मजूमदार ने कहा कि आयोग के साथ पुलिस पूरी तरह सहयोग नहीं कर रही है। अर्चना मजूमदार ने बताया, ‘विक्टिम का परिवार जबर्दस्त दबाव में है। पुलिस को यह तक नहीं पता कि वे इस वक्त कहां हैं। उन्होंने मुझे अपराध स्थल का वीडियो रिकॉर्ड करने से भी रोक दिया।’ वहीं, भाजपा ने रविवार शाम को कोलकाता में ‘कन्या सुरक्षा यात्रा’ निकाली, जो विक्टिम का समर्थन और अपराध का विरोध दर्ज कराने के लिए आयोजित की गई। यह मार्च पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में निकाला गया।

CCTV फुटेज में गैंगरेप की पुष्टि

कोलकाता की लॉ छात्रा से गैंगरेप मामले में CCTV फुटेज से गैंगरेप की पुष्टि हुई है। कॉलेज के CCTV में 25 जून की दोपहर 3:30 बजे से रात 10:50 बजे तक करीब 7 घंटे की फुटेज हैं। एक जांच अधिकारी ने बताया कि CCTV में पीड़ित छात्रा को गार्ड के कमरे में जबर्दस्ती ले जाने की घटना कैद हुई है। इससे छात्रा की लिखित शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि होती है। वहीं, जिस गार्ड के कमरे में रेप हुआ था, उसे 28 जून को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के बाद उसे अरेस्ट किया गया। मामले में अब तक कुल 4 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

इसके अलावा, मामले में 27 जून को गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) में मेंबर्स की संख्या 5 से बढ़ाकर 9 कर दी गई। ACP प्रदीप कुमार घोषाल इसे लीड कर रहे हैं। घटना 25 जून को कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर के गार्ड रूम में हुई थी। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा (31) है। घटना में जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) भी शामिल हैं। मनोजीत कॉलेज का पूर्व छात्र है, जबकि जैब और प्रमित कॉलेज के छात्र हैं।
मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि

पीड़ित छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट में शनिवार को रेप की पुष्टि हुई। मेडिकल जांच कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (CNMC) में की गई थी। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित के साथ जबरदस्ती करने, शरीर पर काटने और नाखून से खरोंचने के निशान मिले हैं। उससे मारपीट की भी पुष्टि हुई है। पुलिस ने 26 जून को दो और 27 जून की सुबह तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने तीनों को 1 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीं, लॉ कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) को भी 28 जून को अरेस्ट कर लिया गया।

स्टाफ की कमी के चलते मनोजीत की हायरिंग

लॉ कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चटर्जी ने मीडिया से कहा कि कॉलेज प्रशासन को मीडिया के जरिए घटना की जानकारी मिली। पीड़ित छात्रा या किसी अन्य ने घटना के बारे में कोई शिकायत कॉलेज प्रशासन से नहीं की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के एक दिन बाद कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति मांगी थी। इस बारे में सिक्योरिटी गार्ड को भी न बताने को कहा गया था। पुलिस ने ग्राउंड फ्लोर के दो कमरे सील कर दिए हैं। वाइस प्रिंसिपल ने गार्ड के ठीक से ड्यूटी न करने की बात भी कही। चटर्जी ने बताया कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा को कुछ महीने पहले ही अस्थायी फैकल्टी मेंबर के तौर पर नियुक्त किया गया था। परमानेंट स्टाफ की कमी की वजह से हायरिंग की गई थी।

TMC ने कल्याण बनर्जी के बयान को निजी बताया

घटना पर सांसद कल्याण बनर्जी के विवादित बयान से तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने खुद को अलग कर लिया। बनर्जी ने शुक्रवार को कहा था, ‘अगर कोई दोस्त अपने दोस्त का बलात्कार करता है तो क्या किया जा सकता है।’ पार्टी ने X पोस्ट में लिखा, ‘सांसद कल्याण बनर्जी के बयान उनके निजी विचार हैं। ये पार्टी स्टैंड नहीं है। पार्टी महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जीरो टॉलरेंस रखती है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग करती है।’

इधर, तृणमूल कांग्रेस ने 29 जून को पार्टी नेता और कमरहाटी विधायक मदन मित्रा को गैंगरेप पर उनकी अवांछित, अनावश्यक और असंवेदनशील टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने कहा कि बयान ने पार्टी की छवि को हर तरह से ठेस पहुंचाई है।

मुख्य आरोपी एक, तो मामला गैंगरेप का क्यों?

मुख्य पुलिस अभियोजक सोरिन घोषाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, बलात्कार करने में मदद करने वाले सभी व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इस मामले में दो अन्य व्यक्तियों ने बलात्कार में मदद की। इस वजह से यह सामूहिक बलात्कार का मामला है।

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