Office Me Sabke Favourite Kaise Bane: कामकाजी जीवन में सम्मान और प्रतिष्ठा पाना सभी की चाहत होती है। हर कोई चाहता है कि कार्यस्थल पर उनकी प्रशंसा हो और उनके कार्यनीति की तारीफ की जाए। हालांकि इस बात के लिए आचार्य चाणक्य ने आज से 2000 साल पहले ही अपनी चाणक्य नीति किताब में कुछ ऐसी विशेष बातों का वर्णन किया था जिनका पालन कर आपको कार्यस्थल पर निश्चित रूप से सम्मान मिलेगा। आज के इस लेख में हम इसी के बारे में आपको विस्तृत विवरण उपलब्ध कराएंगे जहां हम बताएंगे ऑफिस में पालन किए जाने वाले ऐसे विशेष नियम जिन्हें अपनाकर आप ऑफिस में सब की प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं।

ऑफिस में किस प्रकार सबके फेवरेट बने (how to gain respect in office)
जी हां हम सभी चाहते हैं कि हम अपने कार्य स्थल पर सम्मान प्राप्त करें, सब हमारी तारीफ करें, हमारे सहकर्मी हमारी सूझबूझ की प्रशंसा करें। हालांकि इन सभी के लिए आपको केवल कार्य स्थल पर बेहतर प्रदर्शन ही नहीं देना होता बल्कि आपको मानसिक बुद्धि, शारीरिक शक्ति, आत्म नियंत्रण और चरित्र का भी प्रमाण प्रस्तुत करना होता है और इसी को लेकर आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति पर कुछ विशेष सिद्धांतों का वर्णन किया है।
क्या है कार्य स्थल पर सम्मान कमाने के 6 मंत्र (corporate world me kamyabi pane ke 6 tips)
सबको खुश करने की कोई आवश्यकता नहीं: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि आप सभी को प्रसन्न करने जाएंगे तो आप खुद कभी प्रसन्न नहीं रह पाएंगे, इसीलिए आचार्य चाणक्य ने कार्य स्थल पर हर किसी की सहमति लेने के लिए मना किया है। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जब कभी आप जानते हो कि यह काम सही है तो सभी की राय लेना जरूरी नहीं। अपने काम को ईमानदारी से करें और सभी को खुश करने की कोशिश ना करें।
चुपचाप कार्य करना है ज़रूरी: कभी भी अपनी योजनाओं को किसी से साझा ना करें, जो सोचा है उसे चुपचाप करें, अपनी योजनाओं को गुप्त रखें, योजनाओं को लेकर धूम मचाने की जरूरत नहीं क्योंकि ज्यादा लोगों को बताई गई योजना कभी भी कामयाब नहीं होती बल्कि गुणवत्ता खो देती है।
कार्य की सीमाएं निर्धारित करें: आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कार्यस्थल पर हमेशा कार्य की सीमा निर्धारित करें, हमेशा कार्य करने से पहले सोचे कि मैं यह क्यों कर रहा हूं? इसके नतीजे क्या होंगे और क्या इसमें सफलता मिलेगी? यदि आप की जिम्मेदारियां आपकी प्राथमिकता से मेल नहीं खाती तो उस काम को कभी भी ना करें।
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शांत आत्मविश्वास बरकरार रखें: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी तूफानी माहौल में धैर्य न खोएं गंभीरता से पेश आएं, हमेशा शांत और आत्मविश्वास से भरपूर रहे, चीख चिल्लाहट और घबराहट से बचें और ओवर कॉन्फिडेंस का प्रदर्शन ना करें।
लंबी रेस का घोड़ा बने: आचार्य चाणक्य ने कहा है कि हमेशा अपने कौशल में विकास करें , केवल एक ही स्किल सीख कर चुपचाप ना बैठे। किसी भी कार्य मे महारथ लगातार काम करने से और कुछ नया सीखने से आती है ऐसे में हमेशा कुछ नया सीखते रहे और शॉर्टकट से बचें।
सबकी पसंद होने की चाह ना रखें: आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि हमेशा सबका फेवरेट होने की कोशिश ना करें। जरूरी नहीं की हर किसी के लिए आप लोकप्रिय हो और हर कोई आपको सम्मान दे ,आपका काम है केवल अपना कार्य पूरा करना और जिम्मेदारी का निर्वहन करना।