रीवा। रीवा संजय गांधी अस्पताल की नर्सिंग छात्राएं अस्पताल के डॉक्टर के व्यहार से खफा है। 80 नर्सिग छात्राओं ने काम करने से इंकार कर दिए है। उनका आरोप है कि ईएनटी विभाग का डॉक्टर अशरफ उनके साथ गलत व्यवहार कर रहे है। छात्राओं का कहना है कि डॉक्टर का व्यवहार ठीक नहीं है, इसलिए वे वहां ड्यूटी नहीं करेंगी। यह मामला तब सामने आया जब प्राचार्य ने मेडिकल कॉलेज के डीन को लिखित शिकायत देने के बाद छात्राओं को वहां से हटा दिया। मेडिकल कॉलेज के डीन श्री अग्रवाल ने इस मामले को गंभीरता से लिए है और उन्होने इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई है, जो 7 दिन में रिपोर्ट देगी। ज्ञात हो कि छात्राओं के ड्यूटी पर न आने से मरीजों के इलाज में समस्या आएगी।
पढ़ाई पर पड़ रहा असर
नर्सिग छात्रओं ने आपने आवेदन में कहा है कि डॉक्टर अशरफ के व्यवहार से वे परेशान है और उनकी पढ़ाई पर इसका असर पड़ रहा है। वे अपनी पढ़ाई नही कर पा रही तो अस्पताल में सही तरीके से काम नही कर पा रही है। उन्होने दिए गए आवेदन में आरोप लगाए है कि ईएनटी विभाग के डॉक्टर अशरफ के द्वारा मानसिक कष्ट एवं मर्यादाओं की सीमा को लंघा है। उनका व्यवहार कई बार छात्राओं को मानसिक रूप से असहज, असुरक्षित और अपमानित करने वाला रहा है। जिससे छात्राओं के आत्म मनोबल और सम्मान पर सीधा असर कर रहा है।
प्राचार्य ने हटाई डुयूटी
नर्सिग छात्राओं की शिकायत के बाद प्राचार्य ने संजय गांधी अस्पताल के ईएनटी विभाग से नर्सिग छात्राओं की डूयुटी का हटा दी और उन्होने इसके लिए एसएस मेडिकल कॉलेज के डीन को पत्र लिखा है। इस पत्र के बाद डीन ने नर्सिग छात्राओं के द्वारा की गई शिकायत की जांच करने के लिए एक टीम का गठन किए है। यह टीम 7 दिन में अपनी रिर्पोट मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौपेगी। जिसके बाद अगली कार्रवाई तय होगी।