सिर्फ भारत ने ही नहीं, इन 45 देशों ने भी UNGA के प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की, फिर भी बहुमत मिल गया

UNGA GAZA Proposal

Gaza UNGA Voting: इजराइल-हमास जंग के बीच Gaza में चल रहे संघर्ष को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक प्रस्ताव आया. इस प्रस्ताव में ‘नागरिकों की सुरक्षा और वहां कानूनी और मानवीय कदमों को जारी रखने की बात कही गई. इस प्रस्ताव में तुरंत गाजा में चल रहे मानवीय संघर्ष को रोकने के लिए वोटिंग शुरू हुई लेकिन भारत UNGN की वोटिंग से दूर रहा.

Gaza Ceasefire को लेकर UNGN में हुई वोटिंग में 120 देशों के प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाला जबकि 14 देशों ने इसके खिलाफ वोट दिया और 45 देशों ने इस वोटिंग से दूरी बना ली जिनमे से एक भारत भी रहा. अब विपक्ष और प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों ने भारत सरकार को आड़े हाथ ले लिया।

UNGA में Gaza Ceasefire Voting में क्या हुआ

27 अक्टूबर को UNGA में 193 मेंबर देश 10वें आपातकालीन विशेष सत्र में मिले थे. Middle East देश जॉर्डन ने Gaza Crisis को लेकर इस प्रस्ताव को पेश किया। लेकिन भारत समेत 45 देशों ने वोट नहीं किया। भारत के अलावा UK, जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, यूक्रेन और कनाडा जैसे देशों ने भी वोटिंग से दूरी बना ली.

भारत ने UNGA में वोटिंग क्यों नहीं की?

भारत ने UNGA में गाजा मानवीय संगर्ष को रोकने के लिए जारी प्रस्ताव में वोटिंग न करने की वजह बताई। भारत सरकार ने इस प्रस्ताव पर संशोधन करने की मांग उठाई उधर USA ने नाराजगी जताई। अमेरिका ने कहा- इस प्रस्ताव में आतंकी संगठन Hamas और बंधकों का कोई जिक्र नहीं है. इस प्रस्ताव में हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए आतंकी हमले की निंदा का जिक्र भी होना चाहिए।

भारत ने कनाडा के संशोधित प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया, 87 अन्य देशों ने भी प्रस्ताव में संशोषण करने के लिए वोट डाला। जबकि 55 देशों ने संशोषण के खिलाफ मतदान किया और 23 देशों ने वोटिंग नहीं की. लेकिन UNGA के 78वें सत्र के अध्यक्ष ‘डेनिस फ्रांसिस’ ने बताया कि इस प्रस्ताव में संशोषण को अपनाया नहीं जा सकता, क्योंकि प्रस्ताव पर दो तिहाई बहुमत नहीं है.

भारत की तरफ से उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत ‘योजना पटेल’ ने UN में कहा-

”7 अक्टूबर को इजराइल में हुए आतंकी हमले चौंकाने वाले और निंदनीय थे. आतंकवाद के घातक बीमारी है और इसकी सीमा, राष्ट्रीयता और कोई नस्ल नहीं होती। दुनिया को टेरर एक्ट के किसी भी जस्टिफिकेशन पर विश्वास नहीं करना चाहिए। आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस का नजरिया होना चाहिए। उम्मीद है कि इस सभा में विचार-विमर्श से आतंक और हिंसा के खिलाफ एक क्लियर मैसेज जाएगा।

प्रियंका वाड्रा बोलीं- मैं शर्मिंदा हूं

भारत ने Jordan द्वारा UNGA में GAZA संघर्ष को रोकने के लिए पेश किए प्रस्ताव में वोटिंग करने से मना कर दिया और इस प्रस्ताव में संशोधन करने के लिए वोटिंग डाली। लेकिन कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) नाराज हो गईं. उन्होंने भारत के इस कदम को शर्मनाक करार देते हुए कहा-

आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी: मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारे देश ने गाजा में युद्धविराम के लिए मतदान करने से परहेज किया है। हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी, जिन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में इसके कार्यों का मार्गदर्शन किया। जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फिलिस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को नष्ट किया जा रहा है, तो स्टैंड लेने से इंकार करना और चुपचाप देखना गलत है। एक राष्ट्र के रूप में हमारा देश अपने पूरे जीवन काल में उन सभी चीज़ों के लिए खड़ा रहा है जिनके लिए हमारा देश खड़ा रहा है।

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