Salary का 1 चवन्नी भी नहीं बचता, अपना लो ये Tips! खूब बचेगा पैसा

Vastu Tips For Money

Personal Finance Tips in Hindi: अक्सर अपने आसपास के माहौल में ऐसे लोग मिल जाएंगे जो कहते हैं कि वो चाहे कितना भी कमा लें, उनके अकाउंट में अपनी तंख्वाह का 1 चवन्नी भी नहीं बचता. हालांकि वो लोग झूठ भी नहीं बोलते क्योंकि बिना फाइनेंशियल प्लानिंग के अगर खर्च कर रहे होते हैं तो उनका पैसा खत्म हो जाना लाजमी है. ऐसे में अगर आप भी इसी कैटेगरी में आते हैं तो आपको समय रहते संभल जाना चाहिए, वरना आपका फ्यूचर दिक्‍कत में पड़ जाएगा.

ये टिप्स जरूर अपनाओ

पहले तो सभी को अपनी पर्सनल फाइनेंस से जुड़े ज्ञान को लेने की कोशिश करते रहना चाहिए. भले ही आप नए इंवेस्टर हैं या पुराने लेकिन अगर आपकी जानकारी अपडेट रहेगी, तो आप फाइनेंशियल फैसले बेहतर तरीके से ले पाएंगे. जैसे कि, अगर आप MF में निवेश का प्‍लान करेंगे, तो इससे अपको अपनी जरूरत और लक्ष्‍य के मुताबिक फंड चुनने में आसानी होगी. साथ ही आपका निवेश को लेकर रिस्‍क फैक्‍टर भी कम रहेगा और आपकी फाइनेंशियल हेल्‍थ बेहतर रहेगी.

निवेश को करें टॉप-अप

दूसरी सबसे अहम बात यह है कि आपको हमेशा निवेश को टॉप-अप करके रखना चाहिए. जी हां आपको अपने निवेश की रकम को समय-समय पर बढ़ाना चाहिए, मसलन यदि आप SIP करते हैं, तो SIP Top-Up के जरिए आप निवेश की रकम रेगुलर इंटरवल पर बढ़ा सकते हैं. इससे इनकम बढ़ाने, महंगाई को मात देने और समय से निवेश लक्ष्‍य हासिल करने में मदद मिलेगी.

एक कहावत के जरिए समझिए

आपने भी सुना होगा कि सारे अंडे कभी भी एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिए. बस इसी बात को निवेश की दुनिया में अपनाने की जरूरत है. जी हां अपने निवेश को अलग-अलग एसेट क्लास जैसे Gold, Mutual Funds, Share Market, FD और अन्‍य सरकारी स्‍कीम्‍स में बांट कर रखें.

Long Term का रखें नजरिया

अगर आप निवेश करने जा रहे हैं तो उसमें लॉन्‍ग टर्म का नजरिया रखें. क्योंकि लंबे समय में निवेश पर कम्‍पाउंडिंग की पावर का फायदा होता है. आप जितने समय के लिए निवेश करेंगे, उतना ज्‍यादा कॉर्पस बना सकते हैं. SIP, PPF जैसी तमाम स्‍कीम्‍स हैं जो लॉन्‍ग टर्म में आपका अच्‍छा खासा फायदा करा सकती हैं.

निवेश को करें औटोमेट करें

निवेश को ऑटोमेट करें तेजी से बदलती टेक्‍नोलॉजी से निवेश करना भी सरल हो गया है. आज के समय में खर्चों को ऑटोपायलट पर करने के लिए किसी हाई लेवल की तकनीक की जरूरत नहीं होती है. यू‍टिलिटी बिल्‍स, क्रेडिट कार्ड के बिल जैसे पेमेंट्स को ऑटोमेट करना बेहतर फाइनेंशियल फैसला है क्‍योंकि इससे लेट पेमेंट या चार्ज देने की झंझट खत्‍म हो जाती है.

खर्च की डायरी बनाएं

जब भी खर्च करें तो उसकी डायरी बनाकर रखें, उससे होगा क्या की जब भी आप पैसे जेब से निकाल के बाजार में देंगे उसका नोट आपके पास होगा और बाद में आपको उस डायरी में से यह देखना है की इनमें से कौन से खर्च नहीं करने से काम चल जाता या कौन सा खर्च ऐसा था जो किसी काम नहीं आया. इससे आप अगली बार खर्च करने में उस खर्च को अवॉइड कर सकेंगे. और आपकी जेब में वो पैसा बच जायेगा.

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