Nepal Elections 2026 : नेपाल में फिर महा-उलटफेर, बालेन शाह बने प्रधानमंत्री पद के दावेदार 

Nepal Elections 2026 : नेपाल की राजनीति में एक बड़ा उलट फेर देखने को मिल रहा है। काठमांडू महानगर के मेयर बालेन्द्र शाह (बालेन शाह ) को अब औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है। ये घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब बालेन शाह ने राष्ट्रीय स्वतन्त्र पार्टी (RSP) के साथ चुनावी गठबंधन करने का फैसला किया है। नेपाल में 5 मार्च 2026 को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले यह कदम देश की राजनीति में नए समीकरण बना रहा है।

बालेन शाह बम प्रधानमंत्री पद के दावेदार 

बालेन शाह और RSP के बीच इस समझौते पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर हो चुके हैं। इस सात बिंदुओं वाले गठबंधन समझौते के अनुसार, 35 वर्षीय बालेन शाह को न केवल गठबंधन का संसदीय दल का नेता बनाया गया है, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री पद का चेहरा भी घोषित किया गया है। वहीं, पार्टी के प्रमुख रवि लामिछाने पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। ये समझौता शनिवार देर रात हुई बैठकों के बाद हुआ और रविवार को इसकी घोषणा कर दी गई।

बालेन शाह  चुनाव चिन्ह ‘घंटी’ पर लड़ेंगे चुनाव

नेपाल में इस समझौते के मुताबिक, बालेन शाह और उनके समर्थक आगामी चुनाव ‘घंटी’ चिन्ह पर लड़ेंगे। बालेन शाह ने अपनी राजनीतिक टीम का RSP में आधिकारिक विलय भी कर दिया है, लेकिन पार्टी का नाम, झंडा और चुनाव चिह्न पहले जैसी ही रहेंगे। दोनों दलों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि वे भ्रष्टाचार और खराब शासन के खिलाफ युवा पीढ़ी द्वारा शुरू किए गए आंदोलन की जिम्मेदारी लेते हैं और उन मांगे पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो हाल के आंदोलनों के दौरान उठाई गई थीं। इसमें सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में घायलों की मदद का भी वादा किया गया है।

नेपाल में सितंबर 2025 में हुआ था हिंसक आंदोलन

गौरतलब है कि नेपाल में सितंबर 2025 में युवाओं के नेतृत्व में व्यापक और कई बार हिंसक आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन में छात्र, युवा पेशेवर और पहली बार वोट करने वाले युवा शामिल थे। इसी दबाव के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई थी। आंदोलन के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि करीब 70 लोगों की जान चली गई और कई नेता गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

Gen Z की पसंद हैं बालेन शाह 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बालेन शाह और RSP के बीच यह समझौता उसी सितंबर 2025 के जनरेशन Z आंदोलन का ही राजनीतिक विस्तार है। दोनों पक्षों ने स्पष्ट किया है कि वे युवाओं के मुद्दों, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, खराब शासन और पारदर्शिता की कमी को अपनी राजनीति का मुख्य केंद्र बनाएंगे। बालेन शाह, जो पहले ही काठमांडू के मेयर के रूप में अपनी मजबूत और अलग छवि बना चुके हैं, अब राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहे हैं।

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