Bihar Election 2025: NDA की Seat Sharing की रणनीति तैयार, Nitish Kumar ही CM Face

NDA Seat Sharing Bihar Election 2025: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025) को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar CM Face NDA) ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे। इसके साथ ही गठबंधन ने सीट बंटवारे (NDA Seat Distribution In Bihar Election 2025) के फॉर्मूले पर भी काम शुरू कर दिया है, जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है।

नीतीश कुमार पर भरोसा, बीजेपी का स्पष्ट रुख

NDA के भीतर Nitish Kumar को लेकर कोई असमंजस नहीं है। BJP ने साफ कर दिया है कि नीतीश ही बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। हालांकि, यह भी चर्चा है कि चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे या किसी और को जिम्मेदारी सौंपेंगे, इस पर अंतिम फैसला बाद में होगा।

बिहार में बीजेपी का सीट बंटवारे का फॉर्मूला, सर्वे पर निर्भरता

BJP’s seat sharing formula in Bihar: एनडीए ने सीट बंटवारे के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है। बीजेपी पूरे बिहार में सर्वे करवा रही है ताकि हर विधानसभा क्षेत्र में जनता का मिजाज समझा जा सके। इस सर्वे के नतीजों के आधार पर ही गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा होगा। सूत्रों के अनुसार, BJP करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि नीतीश कुमार की JDU को 90 से 95 सीटें मिलने की उम्मीद है। बाकी सीटें गठबंधन के अन्य सहयोगियों, जैसे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM), और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के बीच बांटी जाएंगी।

छोटे दलों को भी अहमियत, मांझी और कुशवाहा की भूमिका

एनडीए के छोटे सहयोगी दलों को भी गठबंधन में अहम जगह दी जा रही है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को उनकी ताकत और क्षेत्रीय प्रभाव के आधार पर सीटें दी जाएंगी। बीजेपी का मानना है कि इन दलों का समर्थन बिहार के विभिन्न समुदायों तक पहुंच बनाने में मदद करेगा।

बीजेपी ने चुने चार प्रमुख चेहरे

चुनावी अभियान को धार देने के लिए बीजेपी ने चार बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, और नित्यानंद राय शामिल हैं। ये नेता बिहार में बीजेपी के प्रचार की कमान संभालेंगे और गठबंधन की रणनीति को जमीन पर उतारेंगे।

नीतीश का अस्थिर इतिहास, फिर भी एनडीए का भरोसा

नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर गठबंधन बदलने के लिए जाना जाता है। 2013 में उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ा, फिर 2017 में वापसी की। 2022 में वे राजद के साथ महागठबंधन में गए, लेकिन 2024 में फिर एनडीए में लौट आए। इस अस्थिर इतिहास के बावजूद, बीजेपी और एनडीए ने नीतीश पर भरोसा जताया है। बीजेपी का कहना है कि नीतीश की अगुवाई में बिहार में विकास कार्यों को गति मिली है, जिसका फायदा चुनाव में मिलेगा।

कैबिनेट विस्तार से मजबूती

हाल ही में नीतीश सरकार में सात नए मंत्रियों को शामिल किया गया। इनमें बीजेपी के संजय सरावगी, सुनील कुमार, जिबेश कुमार, राहुल कुमार सिंह, मोती लाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल, और कृष्ण कुमार मंटू शामिल हैं। इस कैबिनेट विस्तार को एनडीए की एकता और सरकार को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

विपक्ष का दावा, नीतीश पर सवाल

विपक्षी दलों, खासकर राजद और कांग्रेस, ने नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। राजद का कहना है कि नीतीश बार-बार गठबंधन बदलते हैं, जिससे उनकी साख कम हुई है। विपक्ष यह भी दावा कर रहा है कि नीतीश अब पहले जैसी ताकत नहीं रखते और उनकी उम्र भी अब मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त नहीं है। हालांकि, एनडीए ने इन दावों को खारिज करते हुए नीतीश के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया है।

225 सीटों का लक्ष्य

एनडीए ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 225 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। नीतीश कुमार ने गठबंधन की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा है कि संगठन को ग्रामीण स्तर तक मजबूत किया जाएगा। उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने बिहार में कानून-व्यवस्था को बेहतर किया और दंगों को नियंत्रित किया, जबकि राजद के शासन में अराजकता थी।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे के साथ उतरने को तैयार है। सीट बंटवारे का फॉर्मूला सर्वे के आधार पर तय होगा, जिसमें बीजेपी और जेडीयू को प्रमुख हिस्सा मिलेगा। गठबंधन की एकता और नीतीश के नेतृत्व पर बीजेपी का भरोसा बिहार की सियासत में नया समीकरण बना सकता है। अब देखना यह है कि विपक्ष इस रणनीति का जवाब कैसे देता है।

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