एनसीईआरटी (NCERT Partition Horrors Remembrance Day) ने हाल ही में स्कूली छात्रों के लिए एक नया मॉड्यूल ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ जारी किया है, जो 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन से जुड़ी जानकारी देता है। लेकिन इस मॉड्यूल में विभाजन की जिम्मेदारी जिन्ना (Jinnah), कांग्रेस (Congress) और माउंटबेटन (Mountbatten) पर डालने को लेकर विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस ने इस मॉड्यूल (NCERT New Module Controversy ) को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘झूठ का पुलिंदा’ करार दिया है और इसे जलाने तक की मांग की है।
16 अगस्त 2025 को जारी इस मॉड्यूल में कहा गया है कि भारत का विभाजन किसी एक व्यक्ति की देन नहीं था, बल्कि तीन ताकतों का परिणाम था। मॉड्यूल के अनुसार:
- मोहम्मद अली जिन्ना ने विभाजन का प्रचार किया और मुस्लिम लीग के जरिए इसे आगे बढ़ाया।
- कांग्रेस ने विभाजन को स्वीकार कर लिया, जिससे यह संभव हुआ।
- लॉर्ड माउंटबेटन को ब्रिटिश सरकार ने इसे लागू करने के लिए भेजा गया।
इसके अलावा, मॉड्यूल में दावा किया गया है कि विभाजन ने कश्मीर को भारत के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती बना दिया, जिसका इस्तेमाल पड़ोसी देश भारत के खिलाफ दबाव बनाने में कर रहा है। यह मॉड्यूल कक्षा 6-8 और 9-12 के लिए अलग-अलग संस्करणों में तैयार किया गया है।
कांग्रेस ने इस मॉड्यूल पर कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी का कहना है कि यह इतिहास के साथ छेड़छाड़ है और इसमें सच्चाई नहीं है। कांग्रेस नेताओं ने इसे ‘संघी इतिहास लेखन’ का हिस्सा बताते हुए मॉड्यूल को वापस लेने और इसे जला देने की मांग की है। उनका तर्क है कि विभाजन की जिम्मेदारी को सिर्फ इन तीनों पर थोपना गलत है और यह भारत की आजादी की लड़ाई को कमतर आंकता है।
इस मॉड्यूल को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छिड़ी है। कुछ लोग इसे ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाने की कोशिश मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा बता रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मॉड्यूल को लागू करने से पहले व्यापक सहमति और शैक्षणिक समीक्षा जरूरी है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि NCERT इस विवाद के बाद मॉड्यूल में बदलाव करेगा या नहीं, लेकिन यह मुद्दा शिक्षा और इतिहास लेखन पर लंबी बहस को जन्म दे सकता है।