National Medical Commission: देश में नहीं डॉक्टरों की कमी! सरकार के आंकड़े हैरान कर देंगे

National Medical Commission

National Medical Commission: वर्तमान समय में भारत में डॉक्टरों की जनसंख्या का अनुपात 1:834 हो गया है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने 12 दिसंबर को राज्यसभा में दी। इसका मतलब यह है कि देश में एक डॉक्टर 834 लोगों का इलाज कर रहा है. स्वास्थ्य राज मंत्री भारती प्रवीण पवार नें सभा में इस बात की भी जानकारी दी कि देश में रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टरों की संख्या 80 प्रतिशत है। वहीं, आयुष डॉक्टरों की संख्या 5.65 लाख है। इसके अलावा देश में 36.14 लाख नर्सिंग कर्मी हैं, जिससे नर्स-जनसंख्या का अनुपात 1:476 हो गया है। जिसे आसान भाषा में कहें तो 476 लोगों पर 1 नर्स है।

भारत में डॉक्टर की संख्या में कितनी वृद्धि हुई

वर्तमान समय में डॉक्टर की जनसंख्या का अनुपात 1:834 हो गया है. स्वास्थ्य राज मंत्री भारती प्रवीण पवार ने 12 दिसंबर को राज्यसभा में बताया किदेश में 36.14 नर्सिंग कर्मी हैं। वहीं भारत सरकार द्वारा इस साल मेडिकल कालेजों की संख्या बढ़ाई गई है। जिसमे एमबीबीएस की सीटें भी बढ़ाई गई. इस वर्ष मेडिकल कॉलेजो में 82% की वृद्धि हुई है, जो 2014 से पहले कुल 387 था. वर्तमान में यह बढ़कर 706 हो गई है। इसका मतलब यह है कि देश में एक डॉक्टर 834 लोगों का इलाज कर रहा है। वहीं स्वास्थ्य राज मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि देश में कुल रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टरों की संख्या 80% है। वहीं आयुष डॉक्टरों की संख्या 5.65 लाख है.

भारत में रजिस्टर्ड डॉक्टर की संख्या

स्वास्थ्यय राज मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ आयोग National Medical Commission के अनुसार,जून 2022 तक राज्य स्वास्थ परिषदों और राष्ट्रीय स्वास्थ आयोग National Medical Commission के साथ 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर रजिस्टर्ड हुए हैं। वहीं अब तक कुल रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टरों की संख्या 5.65 लाख और आयुष डॉक्टरों की संख्या में 80% की बढ़ोतरी मानते हुए, देश में डॉक्टरों की जनसंख्या अनुपात 1:834 हो गई है।

भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या

स्वास्थ्यय राज मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में इस बात की खबर दी की सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 82%की वृद्धि हुई है, जो 2014 से पहले 387 था, जो अब बढ़कर 706 हो गई है इसके अलावा, एमबीबीएस की सीटें 2014 से पहले 51,348 से 112% की वृद्धि हुई है और वर्तमान में 1,08,940 हो गई है। पवार ने कहा कि पीजी सीटें 2014 से पहले 31,185 से बढ़कर वर्तमान में 70,674 हो गई हैं।

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