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राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस(National Legal Service Day): 9 नवम्बर

National Legal Service Day

National Legal Service Day

देश में न्याय मिलना अदालतों की जटिल प्रक्रिया, कठिन शब्दावली और अत्यधिक खर्चीला होना इसे गरीब और कमजोर आदमी की पहुँच से दूर बनाता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साल 1995 में 9 नवंबर के दिन क़ानूनी सेवा दिवस (राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस) की शुरुआत समाज के गरीब और कमजोर लोगों की सहायता और समर्थन के लिए की। जिसके बाद हर साल 9 नवंबर के दिन समाज के सभी नागरिकों के लिए उचित, निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस का आयोजन किया जाता है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Service Athority) NALSA

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39A में किये गए प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा कानून सेवा प्राधिकरण अधिनियम को 1987 में अधिनियमित किया गया। इस प्राधिकरण का गठन समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क क़ानूनी सेवा प्रदान करने और लोक अदालत का आयोजन करने के उद्देश्य से किया गया है। इस अधिनियम को 1994 के संशोधन अधिनियम के बाद 9 नवंबर 1995 को लागू किया गया। भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है।

मुफ्त कानूनी सेवाएं प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्ति

गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त क़ानूनी सेवा प्रदान करने वाले संस्थान

मुफ्त सेवाएं

न्याय प्राप्त करने का जितना अधिकार एक अमीर व्यक्ति को है उतना ही अधिकार एक गरीब व्यक्ति को भी है इसी अवधरणा को आम जनता तक पहुँचाने के लिए इस अधिनियम द्वारा सभी को एक समान रूप से न्याय प्रदान करने का अवसर प्रदान किया गया है।

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