Mukesh Ambani ने “Operation Sindoor” के लिए Trademark आवेदन दायर किया, विवादों में Reliance

भारत के हालिया सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिन्दूर” (Operation Sindoor Trademark Mukesh Ambani) के नाम को ट्रेडमार्क करने की होड़ में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani Applied For Operation Sindoor Trademark) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे आगे है। कंपनी ने 7 मई 2025 को ऑफिस ऑफ द कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिज़ाइन्स एंड ट्रेड मार्क्स (The Controller General of Patents, Designs and Trade Marks) में इस नाम के लिए ट्रेडमार्क आवेदन दायर किया। यह कदम देश में व्यापक चर्चा और विवाद का विषय बन गया है, क्योंकि कई लोग इसे सैन्य बलिदान के व्यावसायीकरण के रूप में देख रहे हैं।

मुकेश अंबानी ने ऑपरेशन सिन्दूर के ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया

Mukesh Ambani applies for trademark of Operation Sindoor: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने “ऑपरेशन सिन्दूर” के ट्रेडमार्क को क्लास 41 के तहत रजिस्टर करने के लिए आवेदन किया, जो शिक्षा, मनोरंजन, और सांस्कृतिक गतिविधियों से संबंधित सेवाओं को कवर करता है। इसका मतलब है कि कंपनी इस नाम का उपयोग फिल्म, वेब सीरीज़, डॉक्यूमेंट्री, या अन्य मीडिया-संबंधी उत्पादों के लिए कर सकती है। आवेदन को “प्रस्तावित उपयोग” के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसका अर्थ है कि इसका व्यावसायिक उपयोग अभी शुरू नहीं हुआ है।

रिलायंस के अलावा, तीन अन्य व्यक्तियों—मुंबई के मुकेश चेतराम अग्रवाल, रिटायर्ड वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबेरह, और दिल्ली के वकील अलोक कोठारी—ने भी उसी दिन इस ट्रेडमार्क के लिए आवेदन दायर किए। ये आवेदन 7 मई 2025 को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे के बीच दाखिल किए गए।

“ऑपरेशन सिन्दूर” का महत्व

“ऑपरेशन सिन्दूर” भारत का एक सैन्य अभियान था, जो 7 मई 2025 को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमलों के लिए शुरू किया गया। यह अभियान 22 अप्रैल 2025 को पाहलगाम (कश्मीर) में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के जवाब में था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने संयुक्त रूप से नौ आतंकी शिविरों पर 25 मिनट तक सटीक हमले किए, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के ठिकाने शामिल थे।

“सिन्दूर” शब्द भारतीय संस्कृति में बलिदान, वीरता, और देशभक्ति का प्रतीक माना जाता है, जिसने इस अभियान को भावनात्मक और राष्ट्रीय महत्व दिया। इसीलिए, इस नाम के ट्रेडमार्क के लिए आवेदन ने कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।

सार्वजनिक और सोशल मीडिया प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर कई उपयोगकर्ताओं ने रिलायंस के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। कुछ ने इसे “शहीदों के बलिदान का अपमान” और “लाशों पर कमाई” करने का प्रयास बताया। उदाहरण के लिए, एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “मुकेश अंबानी को ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का ट्रेडमार्क चाहिए। बेशर्मी की हद है।” एक अन्य ने कहा, “सेना के जवान और आम इंसान की लाशों पर कमाई करता रिलायंस का मुकेश अंबानी।”

हालांकि, ये पोस्ट व्यक्तिगत राय दर्शाती हैं और इन्हें तथ्यात्मक साक्ष्य के रूप में नहीं लिया जा सकता। फिर भी, ये इस मुद्दे पर जनता के गुस्से और संवेदनशीलता को दर्शाते हैं।

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