रीवा। मेडिकल क्षेत्र में लगातार विस्तार कर रहे रीवा को एक और सौगात मिलने जा रही हैं। यहा मध्यप्रदेश का दूसरा मानव दुग्ध बैंक खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार गांधी मेमोरियल अस्पताल में शुरू होने जा रहे है। मानव दुग्ध बैंक का लाभ जन्म लेने वाले बच्चों को मिलेगा। दरअसल जन्में बच्चों को किन्ही कारणों बस कई बार मां का दुध नही मिल पता है और वे भूखे रह जाते है, लेकिन अस्पताल में मिल्क बैक की सुविधा हो जाने से बच्चों को अब मां का दुध मिलना संभव हो जाएगा।
15 लाख की लागत से तैयार होगा मानव दुग्ध बैंक
जानकारी के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से संचालित होने वाला यह बैंक अगले माह तक शुरू किया जा सकता है। अस्पताल प्रबंधन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। करीब 15 लाख की लागत से तैयार यह बैंक नवजातों के लिए संजीवनी साबित होगा। दरअसल जन्म के बाद कई बार बच्चों को बाजार का दुध परिजन पिला देते है। इससे बच्चों मे कुपोषणा समेत कई तरह की समस्या बढ़ जाती है। मानव दुग्ध बैंक खुल जाने से बच्चों को बाजार के बाजाए मां का दुध मिल सकेगा।
डॉक्टर के परामर्श पर दिया जाएगा दुध
मानव दुग्ध बैंक में मां के दुध को सुरक्षित किया जाएगा। जरूरत मंद बच्चों को डॉक्टर के परामर्श पर मिल्क बैंक से दुध उपलब्ध कराया जाएगा। यह दूध बच्चों को सर्वोत्तम आहार देने के साथ ही उन्हे बीमारी से भी बचाऐगा। इस मिल्क बैंक की देखरेख जीएमएच के शिशु रोग विभाग के द्वारा किया जाएगा। यह प्रदेश का दूसरा ह्यूमन मिल्क बैंक होगा।
स्वस्थ माताओं से संग्रहित होगा दुध
जानकारी के तहत रीवा अस्पताल के मिल्क बैंक में स्वस्थ माताओं से दूध संग्रहित किया जाएगा। उनकी पहले जांच की जाएगी कि वे किसी बीमारी से ग्रस्ति तो नही है। जांच रिर्पोट के आधार पर माताओं का दूध संग्रहित किया जाएगा। शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ नरेश बजाज ने बताया कि रीवा के अस्पताल में मानव मिल्क बैंक बनाया जा रहा है, जल्द ही मशीने आ जाएगी और बच्चो को अस्पताल में दुध मिलना शुरू हो जाएगा।