MP सरकार पर बजट से ज्यादा कर्ज, आंकड़े जान हैरान रह जाएंगे

MP BUDGET

MP News: आमदनी अठन्नी खर्च रूपया ये कहावत अपने सुनी जरूर होगी। इस समय ये कहावत मध्य प्रदेश सरकार पर बिलकुल फिट बैठ रही है, क्योंकि MP सरकार पर बजट से ज्यादा कर्ज है. मध्य प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज 3 लाख 32 हजार करोड़ रूपए हो गया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में मध्य प्रदेश सरकार का बजट 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रूपए है.

MP Politics: सरकार की इनकम के लिहाज से भी देखे तो सरकार की आमदनी 2023-24 में 2 लाख 25 हजार करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है जबकि खर्च 2,79,000 करोड़। अर्थशास्त्री हैरान है कि कर्ज में डूबी सरकार ने दो साल में बाजार से एक लाख करोड़ से ज्यादा का लोन उठा लिया है. जिसका परिणाम यह हुआ कि मध्यप्रदेश में हर व्यक्ति पर पांच साल में कर्ज डबल हो गया. ऐसा संभवत: पहली बार है.

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की घोषणाएं सरकार के खजाने पर भारी पड़ती दिखाई दे रहीं हैं. भले ही शिवराज सिंह चौहान की जगह मुख्यमंत्री का पदभार मोहन यादव ने संभल लिया हो लेकिन एक ही पार्टी से होने के नाते शिवराज की योजनाएं तो लागू ही रहेंगी। लाड़ली बहना जैसी स्कीम तो लोकसभा के चुनाव तक तो लागू होती दिखी रहीं हैं क्योंकि पार्टी आगामी चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी। ऐसे में सवाल एक ही उठता है कि इन सबके लिए पैसे कहां से आएगा? क्योंकि सरकार के ऊपर कर्ज बजट से ज्यादा हो गया है. जानकर मानते हैं ऐसे में सरकार के पास दो ही विकल्प हैं. या तो टैक्स बढाकर आमदनी बढ़ाए या विकास योजनाओं के बजट में कटौती करे।

पहले बताते हैं सरकार की 10 बड़ी घोषणाएं जो सरकार ने चुनावी साल के अंतिम अंतिम में लागु की

‘फ्रीबीज’ स्कीम

  • 10 जून 2023 – लाड़ली बहना योजना: योजना के तहत 1 करोड़ 31 लाख लाड़ली बहनों के खाते में हर महीने 1000 रुपए डाले जा रहे हैं। जिसे अक्टूबर महीने से 250 रूपए बढाकर 1250 रुपए कर दिए गए। 1250 रुपए के हिसाब से 163.75 करोड़ हर महीने का खर्च। सालाना 19,650 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • 14 अगस्त 2023 – किसान सम्मान निधि 2 हजार बढ़ाई: प्रदेश के 87 लाख किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रुपए की गई। इससे सरकारी खजाने पर 1750 करोड़ का सालाना अतिरिक्त बोझ बढ़ा। (ये सरकार पर साल में एक बार बोझ है।)
  • 20 जुलाई 2023 – मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप: सरकार ने कक्षा 12वीं के 78,641 मेधावी छात्र-छात्राओं के खाते में 25-25 हजार रुपए डाले। इससे सरकार पर 196 करोड़ 60 लाख रुपए का बोझ आया। (ये सरकार पर साल में एक बार बोझ है।)
  • 24 अगस्त 2023 – 7800 स्टूडेंट्स को स्कूटी: इलेक्ट्रिक स्कूटी 1 लाख 20 हजार और पेट्रोल वाली स्कूटी के लिए 90 हजार रुपए निर्धारित किए थे। इस पर खर्च 79 करोड़ रुपए। (ये सरकार पर साल में एक बार बोझ है।)

कर्मचारियों को क्या मिला?

  • 28 जून 2023 – 23 हजार रोजगार सहायकों का वेतन दोगुना किया: 9 हजार से बढ़ाकर 18 हजार वेतन किया। रोजगार सहायकों के वेतन पर सालाना 248 करोड़ खर्च होता था, जो अब 496 करोड़ हो गया। 248 करोड़ अतिरिक्त बोझ सरकार पर पड़ा।
  • 22 अगस्त 2023 – पंचायत सचिवों को 7वां वेतनमान: 21,110 पंचायत सचिवों का वेतन 34,632 से बढ़ाकर 41,814 रुपए किया गया है। नया वेतनमान देने से सरकार पर 181 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ।
  • 14 जुलाई 2023 – कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) 4 प्रतिशत बढ़ाया: प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 38% से बढ़ाकर 42% किया गया। सरकार पर 265 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ।
  • 2 सितंबर 2023 – अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना: मप्र में 67,910 अतिथि शिक्षक हैं। इनमें ये वर्ग 1 में 15,920 (मानदेय 9 हजार), वर्ग 2 में 38,294 (मानदेय 7 हजार) और वर्ग 3 में 13,695 (मानदेय 5 हजार) हैं। इस हिसाब से सालाना 575 करोड़ का बोझ।
  • 11 सितंबर 2023 – कॉलेज के अतिथि विद्वानों का मानदेय 20 हजार बढ़ाया: अनुदान प्राप्त विश्विविद्यालयों व कॉलेजों के साढ़े चार हजार से ज्यादा अतिथि विद्वानों का मानदेय 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया। इससे 108 करोड़ का अतिरिक्त बोझ।
  • 11 जून 2023 – आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय: प्रदेश की करीब एक लाख 80 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 13 हजार किया गया। इससे सरकार पर 648 करोड़ का सालाना बोझ बढ़ा।

लाड़ली बहना योजना पर 5 साल में खर्च होंगे करीब 1 लाख करोड़

लाड़ली बहना योजना में हितग्राहियों की संख्या 1.31 करोड़ के हिसाब से देखें तो अगले पांच साल में सरकार को 98 हजार 250 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। जब यह योजना शुरू हुई तो सरकार ने कहा था कि पांच साल में 61 हजार 890 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह अनुमान सवा करोड़ हितग्राहियों के हिसाब से किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राशि 1250 से बढ़ाकर धीरे-धीरे 3 हजार रुपए तक की जाएगी। यानी केवल एक ही योजना को संचालित करने के लिए सरकार को अपनी वित्तीय सेहत ठीक करना होगी। हालांकि नई मोहन सरकार लाड़ली बहना योजना के बारे में पत्रकारों के सवाल पर अभी भी मौन है. बताते चलें कि महीने की दस तारीख को लाड़ली बहनों के खाते में पैसे आते हैं. अब देखना होगा की नई सरकार लाड़ली बहनाओं को लेकर क्या फैसला करती है?

देश के ये 12 राज्य कर्ज लेने में अव्वल

देश में हिमाचल प्रदेश, बिहार, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल अपने आर्थिक संकट और खराब मनी मैनेजमेंट की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नजर में आ गए हैं. आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट 2022-23 में राज्यों के कर्ज पर भी बड़ा खुलासा किया है.

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