एक दिन पहले ही भाजपा से इस्तीफा दिया था, अब बसपा में शामिल हुए हैं। त्रिकोणीय हो सकता है सतना विधानसभा चुनाव
Satna News: सतना जिले के पूर्व उपाध्यक्ष और दो बार के भाजयुमों जिलाध्यक्ष रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा ने भाजपा छोड़ बसपा में शामिल हो गये है. अभी एक दिन पहले रविवार(15 अक्टूबर) को ही भाजपा से इस्तीफा दिया था. और आज सोमवार को बसपा में शामिल हो गये हैं. ऐसा माना जा रहा है कि शिवा सतना सीट से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं.
क्या कहते हैं जातीय समीकरण?
स्वर्ण बहुलता वाली सतना विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट वितरण से रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा नारज चल रहे थे. शिवा ने रविवार को भाजपा से इस्तीफा देकर, सोमवार को बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन कर ली. अब राजनितिक जानकारों का कहना है कि BJP और Congress के OBC चेहरे पर भरोसा जताने के बाद, बसपा अब स्वर्ण चेहरे के रूप में रत्नाकर चतुर्वेदी को चुनावी मैदान में उतार सकती है। हालांकि अभी तक बसपा की तरफ से ऐसी कोई आधिकारिक एलान नहीं किया गया है. गौरतलब है कि अभी तक सतना विधानसभा सीट से 15 चुनावों में 13 बार स्वर्ण प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है.
पैसे वालों की पार्टी है भाजपा- रत्नाकर चतुर्वेदी
बसपा में शामिल होने के बाद रत्नाकर चतुर्वेदी ने कहा कि मैं वर्षो से भाजपा के साथ काम करते आया हु. इस बीच मैंने गरीबों की सेवा की लेकिन पता बाद में चला की ये तो गरीबों की पार्टी नहीं अमीरों की पार्टी है. इसलिए मैंने भाजपा छोड़ी और अब बसपा के साथ आया. भाजपा के साथ मैंने हमेशा निश्छल- निःस्वार्थ भाव से गरीबों की सेवा की, मुझे गरीब अपने प्रेम और ईमानदारी से खरीद सकता है, लेकिन अमीर की इतनी हैसियत नहीं कि मुझे खरीद सके.
सांसद (Ganesh Singh) के कुछ समर्थक यह कह रहे हैं कि, मै सांसद के सपोर्ट के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा हु, मैं उनसे कहना चाहता हु, भले ही 3 एकड़ का मालिक आज सैकड़ों करोड़ का मालिक क्यों न हो, अभी उनकी इतनी औकात नहीं है कि मुझे खरीद सकें। शिवा ने सवाल किया है कि- सासंद ये बताये की 20 वर्षो में उन्होंने अपनी सांसद निधि कहा खर्च की है. कितने बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी है? उन्हें कितने अवसर दिलाए? कितनी महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिलाया?