MP Political News: भारतीय जनता पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री न बनाकर मोहन यादव के हाथ में कमान सौंप दी है. जिसे लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. अब पीएम मोदी ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया हैं.
MP News: 3 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी की जब मध्य प्रदेश में बहुमत से ज्यादा सीटें आई तो जाने कितने राजनितिक पंडितों को गहरा सदमा लगा. इससे भी ज्यादा सदमा तब लगा जब विधायक दल की बैठक में तीसरी पंक्ति पर बैठे मोहन यादव (MP New CM Mohan Yadav) का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए एलान कर दिया गया. मध्य प्रदेश की पूरी जनता चौंक गई यहां तक की खुद मोहन यादव को भी सादमा लगा ही होगा। 18 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभाल रहे शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को मध्य प्रदेश की कमान सौंपी गई, जिसे लेकर कई तरह क सवाल भी उठाए जा रहे हैं. अब प्रधानमंत्री ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है.
भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ राज्यों में नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाया है, ऐसे नाम जो सीएम की कुर्सी की दौड़ में शामिल भी नहीं माने जा रहे थे. एक मिडिया कंपनी को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने नए और अनजान चेहरों को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अपनी राय रखी.
कुछ लोग ब्रांडिंग कर लेते हैं
नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी सेक्टर में कोई नाम अगर बड़ा हो गया किसी ने अपनी ब्रांडिंग कर दी तो बाकी लोगों पर ध्यान नहीं जाता चाहे वो कितना ही प्रभावशाली क्यों न हों, कितना भी अच्छा काम क्यों न करते हों. वैसा ही राजनितिक क्षेत्र में भी होता है. दुर्भाग्य से अनेक दशकों से कुछ ही परिवारों पर मिडिया का फोकस सबसे ज्यादा रहा. इस वजह से नए लोगों की प्रतिभा और उपयोगिता की चर्चा ही नहीं हो पाई. इसके कारण आपको कई बार कुछ लोग नए लगते हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि वे नए नहीं होते। उनकी एक लम्बी तपस्या होती है. अनुभव होता है.
क्या पीएम का शिवराज की ओर इशारा?
हालांकि इस पूरी चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान या सीएम मोहन यादव किसी का भी नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था. बताते चलें कि मुख्यमंत्री पद के इस्तीफे के बावजूद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी लोकप्रियता को लेकर लगातार सुर्ख़ियों में हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भाजपा तो एक कैडर आधारित राजनितिक दल है. संगठन के हर स्तर पर कम करते-करते कार्यकर्ता कितने ही आगे पहुंच जाएं, लेकिन उनके भीतर का कार्यकर्ता हमेशा जगा रहता है.