Modi-Putin की मीटिंग से US में क्या असर पड़ेगा? S Jaishankar ने सब बता दिया

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Modi Putin Meeting Impact On US: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया भारत यात्रा (Vladimir Putin India Visit) ने वैश्विक नजरें खींच लीं, लेकिन क्या ये मीटिंग भारत-अमेरिका रिश्तों पर सेंध लगाएगी? विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ लफ्जों में खारिज कर दिया – “पुतिन के दौरे से भारत-अमेरिका के रिश्तों पर असर नहीं पड़ेगा।” (India US Relations Impact After Putin Visit ) 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन (4-5 दिसंबर 2025) के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति में स्वायत्तता सर्वोपरि है, और कोई तीसरा देश हमारी दोस्ती तय नहीं कर सकता। (Jaishankar Putin Visit Statement) अमेरिका के साथ चल रही द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत (10 दिसंबर से शुरू) पर भी असर न पड़ेगा, जहां $191 बिलियन का वार्षिक व्यापार $500 बिलियन तक ले जाने का लक्ष्य है। लेकिन ट्रंप प्रशासन की तरफ से रूसी तेल खरीद पर 25% अतिरिक्त टैरिफ (Trump Tariffs Russia Oil) की धमकी ने सवाल खड़े किए जयशंकर ने इसे खारिज करते हुए भारत-रूस संबंधों को “दुनिया के सबसे मजबूत और विश्वसनीय” करार दिया।

जयशंकर ने वॉशिंगटन में इंडियन अमेरिकन कम्युनिटी के साथ बातचीत में कहा, “रूस के साथ चीन, अमेरिका या यूरोप के रिश्ते ऊपर-नीचे होते रहे, लेकिन भारत के साथ हमेशा स्थिर रहे।” (India Russia Strongest Ties) उन्होंने पुतिन यात्रा के मकसद को स्पष्ट किया – पिछड़े क्षेत्रों, खासकर आर्थिक सहयोग को मजबूत करना।

जयशंकर ने जोर देकर कहा, “सभी को पता है कि भारत का दुनिया के हर बड़े देश से संबंध है। किसी भी देश के लिए यह उम्मीद करना कि भारत अपने अन्य देशों से रिश्ते कैसे बनाएगा, इस पर उसकी राय मानी जाएगी, यह उचित नहीं है।” (Jaishankar Global Partnerships) ये बयान अमेरिकी चिंताओं का सीधा जवाब था, जहां रूस के साथ डील्स को ‘सुरक्षा खतरे’ के रूप में देखा जा रहा है।

Modi-Putin मीटिंग का US पर असर:

Impact of Modi-Putin meeting on US: जयशंकर ने साफ किया कि पुतिन यात्रा पश्चिमी देशों को कोई ‘मैसेज’ भेजने के लिए नहीं थी। उन्होंने कहा, “हमारी दोस्ती कोई और तय नहीं कर सकता।” अमेरिका के साथ आर्थिक रिश्ते तेजी से बढ़ रहे हैं – ऐतिहासिक रूप से सुरक्षा सहयोग से आगे आर्थिक साझेदारी ने रफ्तार पकड़ी है। लेकिन रूसी तेल खरीद को लेकर ट्रंप की टैरिफ धमकी ने टेंशन बढ़ाया। जयशंकर ने इसे ‘भारतीय हितों की रक्षा’ का मामला बताया – किसान, मजदूर, छोटे कारोबारियों और मध्यम वर्ग को प्राथमिकता। (India US Trade Talks 2030) उन्होंने जोर दिया कि भारत बहुपक्षीय रिश्तों को बैलेंस करता है, जहां रूस के साथ स्थिरता अमेरिका के साथ ग्रोथ को सपोर्ट करती है। अमेरिकी मीडिया में कवरेज हुई, लेकिन जयशंकर का बयान ‘डिप्लोमैटिक रिब्यूटल’ के रूप में वायरल हो गया।

जयशंकर का ये बयान भारत की ‘मल्टी-अलाइनमेंट’ नीति को मजबूत करता है – न रूस के साथ अलगाव, न अमेरिका के साथ टकराव। क्या ट्रंप की धमकी से रिश्ते प्रभावित होंगे? विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर की डिप्लोमेसी से बैलेंस बरकरार रहेगा।

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