Birth Anniversary Of Actor Dharmendra :फिल्म इंडस्ट्री के मोस्ट हैंडसम एक्टर, प्रोड्यूसर ही-मैन, धर्मेंद्र साहब 24 नवम्बर 2025 को 89 साल की उम्र में हमें छोड़कर चले गए जबकि आज अगर वो होते तो 90 साल के हो जाते इसलिए आज धरम सिंह देओल बहोत याद आ रहे हैं। तो चलिए आज उनकी कुछ बातें फिर याद कर लेते हैं। धर्मेन्द्र के पिता जी स्कूल हेडमास्टर थे लेकिन धर्मेंद्र साहब की दिलचस्पी पढाई से ज़्यादा फिल्मों में थी।
इसलिए वो अपने गाँव से मीलों दूर एक सिनेमाघर में सुरैया की फिल्म ‘दिल्लगी ‘ देखने चले गए और इस फिल्म में सुरैया की ख़ूबसूरती और अदाकारी से इतना मुतासिर हुए कि 40 दिनों तक रोज़ाना ‘दिल्लगी’ फिल्म देखने के लिए मीलों पैदल चलकर गए। दिलीप कुमार और कामिनी कौशल अभिनीत 1948 की फिल्म ‘शहीद’ (Shaheed) भी देखी और तब उन्होंने ये ठान लिया कि इन हसीन तरीन लोगों के पास मुझे जाना है इन्हें देखना है मुझे भी यही करना है जो ये कर रहे हैं। यहाँ हम आपको ये भी याद दिला दें कि दिलीप कुमार के हाँथों जब धर्मेंद्र जी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया तो उन्होंने धर्मेंद्र को सबसे खूबसूरत मर्द कहते हुए कहा था कि ‘मै जब ख़ुदा के पास जाऊंगा तो ये शिकायत करूँगा कि उसने मुझे आप जैसा क्यों नहीं बनाया।’ ऐसे थे धर्मेंद्र साहब जिन्होंने हमेशा दूसरों की तारीफ की सबसे कुछ न कुछ सीखने की कोशिश की और दूसरों को बड़ा और खुद को छोटा समझा। दिलीप कुमार साहब की भी धर्मेन्द्र साहब बेहद इज़्ज़त करते थे और उन्हें अपना बड़ा भाई मानते थे।
ख़ैर धर्मेंद्र साहब ने हिंदी, इंग्लिश के साथ उर्दू भी पढ़ी थी तलफ़्फ़ुज़ भी बहोत अच्छा था ,आवाज़ भी जिस्म की तरह दमदार थी इसलिए धर्मेन्द्र को जब पता चला कि फिल्मफेअर नाम की पत्रिका नई प्रतिभा की खोज कर रही है तो उन्होंने भी फॉर्म भर दिया और उन्होंने कहीं से अभिनय नहीं सीखा था इसके बावजूद टैलेंट हंट में सेलेक्ट हो गए।
उन्हें लगा अब तो उन्हें इंडस्ट्री में काम मिल जाएगा लेकिन इस बिना पर जब वो आगे बढे तो काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा कोई उन्हें हीरो का रोल देने को तैयार नहीं था ,कोई तैयार भी होता तो खिलाड़ियों और पहलवानों जैसी पर्सनैलिटी देखकर सब उन्हें उसी तरह के रोल ऑफर करते। फिल्म निर्माताओं के ऑफिसों के चक्कर काटते हुए, कई बार तो उन्हें चने खाकर बेंच पर सोना पड़ा पैसे भी इतने नहीं थे कि अपने लिए कुछ कर सकें।
इसी बात को लेकर एक क़िस्सा भी हमने सुना है कि एक बार धर्मेन्द्र जी के पास खाना खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे और दिन भर काम की तलाश में भटकते हुए जब थके-हारे अपने कमरे में पहुचे तो वहाँ उनके रूम पार्टनर का ईसबगोल का पैकेट रखा हुआ दिखा ,इस वक़्त तक भूख की कैफियत ऐसी थी कि वो ईसबगोल का पूरा पैकेट ही खा गए और सुबह तक उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि दोस्त को उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा, जब डॉक्टर ने चेकअप किया तो कहा इन्हें दवा की नहीं खाने की ज़रूरत है।
इतने स्ट्रगल के बाद आपको मिली अर्जुन हिंगोरानी की 1960 में आई फिल्म “दिल भी तेरा हम भी तेरे” इस फिल्म को देने के लिए धर्मेंद्र हिंगोरानी के ताउम्र एहसानमंद रहे और उनकी कई फिल्मों में काम करने के बदले नाममात्र की फीस ली। ‘फूल और पत्थर’ धर्मेन्द्र के करियर की पहली बड़ी हिट थी जिसमे उन्होंने शर्टलेस होकर सबको चौंका दिया था।
‘फूल और पत्थर’ फिल्म में आप अभिनेत्री मीना कुमारी के साथ बतौर हीरो नज़र आए और आप दोनों की जोड़ी भी खूब पसंद की गई। मीना कुमारी की ख़ूबसूरती और नफासत को देखकर धर्मेंद्र जी को एक और शौक हो गया, वो था शायरी का और वो शेर लिखने पढ़ने के ऐसे शौकीन हुए कि सैकड़ों शेर उन्हें मुँह ज़बानी याद रहते और अक्सर वो दूसरों के शेर में भी अपने अशआर जोड़कर भी सुनाते।
अभिनेता गोविंदा भी धर्मेन्द्र साहब के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। कहते हैं जब गोविंदा पिता बनने वाले थे तब उन्होंने अपने घर पर धर्मेन्द्र का फोटो लगा रखा था ताकि उनका होने वाला बच्चा धर्मेन्द्र की तरह खूबसूरत हो। ये बात जब धर्मेंद्र जी तक पहुँची तो उनकी आँखों में आँसू आ गए थे। यही नहीं रितिक रोशन और सलमान ख़ान भी उन्हें बहोत पसंद करते थे और धर्मेंद्र साहब इतनी उम्र तक भी बहोत एक्टिव रहते और बड़ी ख़ुश मिज़ाजी से सबसे मिलते थे।
सलमान खान की फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ में काम करने के बदले धर्मेन्द्र जी भी ने एक पैसा नहीं लिया था जबकि फिल्म का लंबा आउटडोर शेड्युल था। ये उनकी लोकप्रियता ही थी कि 2004 में धर्मेन्द्र ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट से बीकानेर से चुनाव लड़ा था और विजयी भी हुए थे।
धर्मेन्द्र जी की पहली शादी 19 साल की उम्र में प्रकाश कौर से हुई थी जो एक अरेंज मैरिज थी। जब उन्होंने पहली फिल्म की तब वो अपने बेटे सनी के पिता बन चुके थे फिर दूसरी शादी 80 के दशक में अभिनेत्री, भारतीय नृत्यांगना और ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर हेमा मालिनी से जब की, जब वो चार बच्चों के पिता बन चुके थे। हालाँकि उस वक़्त हेमा टॉप की हिरोइन थीं और संजीव कुमार और जितेन्द्र जैसे बड़े अभिनेता उनसे शादी करना चाहते थे पर हेमा जी ने धर्मेन्द्र साहब को दिल दिया और उन्होंने बाज़ी मार ली। कई बार उनकी दो शादियों को लेकर बहस भी छिड़ी पर धर्मेन्द्र साहब ने बड़ी मासूमियत से इसे खुदा का करम ही बताया और कहा कि ख़ुदा का शुक्र है कि उसने मुझे इतनी मोहब्बतों से नवाज़ा है और मैंने किसी का दिल भी नहीं दुखाया है। धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा जोड़ियों में से एक रही। दोनों ने लगातार कई सुपरहिट फिल्में दीं।
इस प्यार के सिलसिले का एक क़िस्सा भी है कि ‘शोले’ फिल्म में धर्मेंद्र जी ठाकुर का किरदार निभाना चाहते थे जबकि ‘शोले’ के निर्देशक रमेश सिप्पी चाहते थे कि धर्मेन्द्र, वीरू का रोल निभाए और जब धर्मेन्द्र नहीं माने तो रमेश जी ने धमकाते हुए कहा कि ठीक है मै संजीव कुमार को वीरू बना देता हूँ फिर हेमा मालिनी की जोड़ी उनके साथ बन जाएगी ! बस इतना सुनते ही धर्मेंद्र जी के होश उड़ गए और वो वीरू बनने के लिए राज़ी हो गए।
ये भी कहते हैं कि ‘शोले’ की शूटिंग के दौरान रोमांटिक सीन में धर्मेन्द्र जानबूझ कर बार -बार ग़लतियाँ करते थे और इसके लिए वो स्पॉट बॉय को भी पैसे देते थे। इतने शरारती थे धर्मेंद्र साहब। धर्मेन्द्र जी अपना पहला परिवार नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए हेमा से शादी करने के लिए उन्होंने काग़ज़ों पर अपना धर्म बदलकर इस्लाम अपना लिया था।
डायलॉग की बात करें तो धर्मेंद्र कुछ शब्द अपने आप भी जोड़ देते थे जैसे – उन्हें बोलना होता था ‘ मै तेरा खून पी जाऊंगा’ तो वो बोलते ‘कुत्ते मै तेरा खून पी जाऊंगा’ और उनके दमदार लहजे के साथ मिलकर ये डायलॉग खूब पसंद किये जाते और आज भी याद किये जाते हैं। यही हाल उनके डांस का भी था वो कैसा भी डांस करें लोगों को झूमने पर मजबूर कर ही देते थे।
धर्मेंद्र जी के बेटे ,अभिनेता बॉबी देओल ने अपने बेटे का नाम भी धरम रखा है। धर्मेन्द्र जी को बॉलीवुड का हीमैन, एक्शन किंग और गरम धरम भी कहा जाता है। उनके चाहने वाले कहते हैं कि धर्मेंद्र जी का दिल सोने का था और वो भी मानते थे कि वो बहोत मोहब्बत करने वाले इंसान हैं।
बतौर हीरो एक लंबी पारी खेलने वाले धर्मेंद्र अपने बेटों के साथ भी हीरो के रूप में नज़र आए और बेटे सनी की हिरोइन बनने वाली अभिनेत्रियाँ जैसे अमृता सिंह, डिम्पल कपाड़िया, श्रीदेवी और जया प्रदा के भी वो हीरो बने। फिल्म ‘मैं जट यमला पगला दीवाना’ में वो अपने दोनों बेटों सनी और बॉबी के साथ नज़र आए। ‘हाइएस्ट ग्रासिंग स्टार ऑफ ऑल टाइम’ की लिस्ट में धर्मेन्द्र का नंबर चौथा रहा है। ये सिर्फ कहने की बात नहीं थी कि धर्मेन्द्र बहोत खूबसूरत थे बल्कि उन्हें टाइम्स मैगज़ीन ने दुनिया के दस खूबसूरत पुरुषों में जगह दी थी
मल्टीस्टारर फिल्मों में भी उन्होंने अपनी अलग छाप छोड़ी और 70 के दशक में वे सबसे महंगे सितारों में से एक थे। आपको बता दें कि धर्मंद्र की आखिरी फिल्म ‘इक्कीस’ है, जो 25 दिसंबर को रिलीज़ होगी इसमें अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फिल्म को श्रीराम राघवन ने डायरेक्ट किया है जो इससे पहले ‘बदलापुर’, ‘अंधाधुंध’ और ‘मैरी क्रिसमस ‘जैसी फिल्में डायरेक्ट कर चुके हैं। फिल्म के ट्रेलर में इसकी कहानी की भी झलक देखने को मिल चुकी है। कहानी भारत के सबसे कम उम्र परमवीर चक्रविजेता सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की है। इस फिल्म को लेकर धर्मेंद्र के फैंस काफी उत्साहित हैं ,फिल्म में उन्होंने एमएल खेत्रपाल का किरदार निभाया है।
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