Auto Sector Stock Maruti Suzuki: देश की ऑटो इंडस्ट्री में शानदार संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स जिसे हम एसआईएएम (SIAM) भी कहते हैं. उसने पिछले 6 महीने यानी अप्रैल से सितंबर महीने की पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट डेटा को जारी कर दिया है. इस आंकड़े के अनुसार Maruti Suzuki ने इस समय अवधि के दौरान सबसे अधिक पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट किया है. ये आंकड़े आगामी सोमवार के ट्रेडिंग सत्र में मारुति सुजुकी शेयर पर प्रभाव छोड़ सकते हैं.
Maruti Suzuki का Export Data
SIAM डेटा के मुताबिक अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान Maruti Suzuki का Export बढ़कर 205776 यूनिट पर पहुंच गया है. जो 1 साल पहले के इसी समय अवधि के दौरान 147063 यूनिट के लेवल पर था. डेटा के अनुसार दूसरे पायदान पर Hyundai Motor India रही है. जिसने इस समय अवधि के दौरान 99540 यूनिट एक्सपोर्ट किया है. जो 1 साल पहले के 84900 यूनिट के आंकड़े के मुकाबले 17% अधिक है. Hyundai Motor India का भी स्टॉक अब 27 अक्टूबर के सत्र में रडार पर बना रहेगा.
जानिए टोटल पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट कितना था?
इसी अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान भारत से कुल पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 18.4% से बढ़कर के 4,45,884 यूनिट पर चला गया है. जो 1 साल पहले 3,76,679 यूनिट पर था. वहीं पैसेंजर कार शिपमेंट अप्रैल से सितंबर महीने के बीच में 229281 यूनिट पर पहुंच गया है जो 1 साल पहले के 205091 यूनिट के मुकाबले 12% अधिक है.
अप्रैल से सितंबर महीने के बीच में यूटिलिटी व्हीकल का एक्सपोर्ट का आंकड़ा सालाना आधार पर 26% से उछाल करके 211373 यूनिट पर चला गया है. इस समय अवधि के दौरान Van का शिपमेंट 36.5% की सालाना दर से बढ़कर के 5230 यूनिट पर रिपोर्ट हुआ है. Export के मामले में Nissan Motor India भी अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान काफी एक्टिव नजर आई है. जिसने कुल 37605 यूनिट को Export किया है और 1 साल पहले ये आंकड़ा 33059 यूनिट पर था.
यहाँ से बड़ा डिमांड
SIAM ने बताया कि अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट में स्टेबल डिमांड के चलते अच्छे ग्रोथ देखने को मिली है विशेष का मिडिल ईस्ट और लैटिन अमेरिका से मजबूत डिमांड के चलते एक्सपोर्ट बढ़ा है. अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान 24 से अधिक देशों में भारत की कंपनियों ने एक्सपोर्ट के जरिए पैसेंजर व्हीकल सेल किया है. इस डाटा में एक चौंकाने वाला आंकड़ा अमेरिका के मार्केट को लेकर गया है जहां पर टैरिफ के चलते सितंबर महीने में एक्सपोर्ट फिसला है.

 
		 
		 
		