पटना हाईकोर्ट ने भी दी जमानत, घर में बंटी मिठाइयां। तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने पर बढ़ी थी मनीष कश्यप की मुश्किलें। जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने NSA के तहत कार्रवाई की. 18 मार्च को मनीष ने सरेंडर किया था.
Manish Kashyap came out on bail: बेउर जेल में बंद युट्यूबर मनीष कश्यप को 278 दिन बाद पटना हाईकोर्ट और पटना सिविल कोर्ट से सभी मामलों में जमानत मिल गई है. इसके बाद उसकी जेल से रिहाई की प्रक्रिया पूरी की गई. संभावना है कि गुरुवार को जेल से मनीष बाहर आ सकता हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मनीष के ऊपर तमिलनाडु के सभी मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी थी. इसके अलावा पटना के सिविल कोर्ट और बेतिया कोर्ट से भी उसे बेल मिल चुकी थी. एक मामला पटना हाईकोर्ट में भी पेंडिंग था, जिसमें 19 दिसंबर को बेल मिल गई है. बताया गया है कि पटना हाईकोर्ट से बेल के कागजात सिविल कोर्ट में जाएगा। उसके बाद 21 दिसंबर को सिविल कोर्ट में बेल का बॉन्ड भरा जाएगा। फिर सिविल कोर्ट से बेउर जेल में रिकॉल जाएगा. इसके बाद वह बाहर आएगा।
मनीष के जेल से बाहर आने की सूचना के बाद बेतिया में मनीष कश्यप के परिवार और समर्थकों के बीच ख़ुशी का माहौल है. उसकी मां और भाइयों ने उसके समर्थकों के बीच मिठाइयां बांटी।
बेतिया में किया था सरेंडर
बता दें कि बिहार में मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने पर यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ी थी. इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज किया था. जब इस केस में छापेमारी शुरू हुई तो डर से मनीष कश्यप बिहार छोड़कर फरार हो गया था. उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी भी हुई थी.
तमिलनाडु सरकार ने लगाया था NSA
18 मार्च को मनीष के दूसरे केस में घर की कुर्की जब्ती शुरू की गई तो उसी दिन उसने स्थानीय थाने में सरेंडर किया। इसके बाद 30 मार्च को ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी. हालांकि अगस्त में उसे वापस पटना लाया गया था. फिर बेतिया कोर्ट ने उसे बिहार के जेल में ही रखने का आदेश दिया था. बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने फर्जी वीडियो मामले में मनीष पर NSA लगाया था.