खड़गे (MALLIKARJUN KHARGE) ने लिखा कि ‘झूठे दावों, आंकड़ों की हेराफेरी और घटती नौकरियों की सच्चाई पर पर्दा डालना मोदी सरकार की आदत बन गई है।
NEW DELHI: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (MALLIKARJUN KHARGE) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार फर्जी डेटा के जरिए युवाओं को धोखा दे रही है। उन्होंने एक सर्वेक्षण के नतीजों का हवाला देते हुए यह भी दावा किया कि रोजगार सृजन के नाम पर करोड़ों युवाओं को गुमराह किया जा रहा है।
एक्स पर पोस्ट कर कही बात
खड़गे (MALLIKARJUN KHARGE) ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘झूठे दावों, आंकड़ों की हेराफेरी और घटती नौकरियों की सच्चाई पर पर्दा डालना मोदी सरकार की आदत बन गई है। इस साल 82 फीसदी युवा नौकरी की तलाश में हैं। 55 फीसदी ने कहा कि पिछले साल नौकरी ढूंढना मुश्किल हो गया। 37 फीसदी युवाओं का कहना है कि उन्होंने 2025 में नई नौकरी मिलने की उम्मीद छोड़ दी है।
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MALLIKARJUN KHARGE का सीधा सवाल
उनके अनुसार, एक अलग सर्वेक्षण से पता चला है कि 69 प्रतिशत भारतीय मानव संसाधन पेशेवरों को लगता है कि किसी भूमिका के लिए योग्य प्रतिभा ढूंढना अब अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार रोजगार पैदा करने के नाम पर करोड़ों युवाओं को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने पेपर लीक, कुछ नौकरियों के लिए भगदड़, नोटबंदी और गलत जीएसटी जैसे माफिया राज के हथकंडों के जरिए एमएसएमई को बंद करके, आरक्षण का अधिकार छीनकर, सरकारी नौकरी के पदों को वर्षों तक खाली रखकर युवाओं को नौकरियां छीनने के लिए मजबूर किया है। साथ ही सालाना 2 करोड़ नौकरी दिलाने जैसे झूठ बोलकर धोखा दिया है।
खोखले नारे और प्रोपेगेंडा किया- MALLIKARJUN KHARGE
इससे पहले गुरुवार को खड़गे (MALLIKARJUN KHARGE) ने आरोप लगाया था कि देश में स्टार्टअप को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सिर्फ खोखले नारे और प्रोपेगेंडा किया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वर्ष 2024 में 5000 से अधिक स्टार्टअप बंद (संचालन) करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘9 साल में मोदी सरकार ने सिर्फ फर्जी स्टार्टअप बनाए। सच तो यह है कि भारतीय स्टार्टअप्स को मोदी सरकार से बहुत कम या कोई समर्थन नहीं मिला है। स्टार्टअप उद्योग में जो भी विकास हुआ है, उसका श्रेय स्टार्टअप लोगों की उद्यमशीलता की भावना को जाना चाहिए, न कि केंद्र सरकार को।