Makar Sankranti 2025 : विंध्य में पहली बार हिन्दू धर्म परिषद का महा आयोजन


Makar Sankranti 2025 : विंध्य में पहली बार हिन्दू धर्म परिषद का महा आयोजन-विंध्य क्षेत्र में इस बार मकर संक्रांति विशेष होने वाली है। मार्गदर्शक और संरक्षक मंडल के प्रस्ताव के बाद हिन्दू धर्म परिषद ने घोषणा की है कि 14 जनवरी को ‘स्वागतम् मकर संक्रांति नववर्ष’ पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। रीवा नगर इकाई इस अवसर पर ज्योतिष एवं पंचांग पंडितों का एक भव्य महासम्मेलन आयोजित कर रही है, जिसका उद्देश्य भारतीय पंचांग, शुभ मुहूर्त व्यवस्था और सूर्य-नववर्ष की परंपरा को जनमानस तक पहुँचाना है। परिषद का मानना है कि भारतीय पंचांग सदियों पुरानी वैज्ञानिक व्यवस्था है, जिसके आधार पर सभी शुभ तिथियाँ और पर्व निर्धारित होते हैं, इसलिए इसे व्यापक रूप से नववर्ष के रूप में अपनाया जाना चाहिए।14 जनवरी 2025 को हिन्दू धर्म परिषद विन्ध्य में ‘स्वागतम् मकर संक्रांति नववर्ष’ का भव्य आयोजन कर रही है। रीवा नगर इकाई द्वारा ज्योतिष एवं पंचांग पंडितों का महासम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें भारतीय संस्कृति, पंचांग परंपरा और मकर संक्रांति सूर्या नववर्ष की सार्थकता पर चर्चा होगी।

हिन्दू पंचांग और मकर संक्रांति नववर्ष का महत्व-भारतीय परंपरा में मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है, जिसे सदैव शुभ, पवित्र और नए आरंभ का दिन माना गया है। परिषद का उद्देश्य यह बताना है कि-भारतीय पंचांग न सिर्फ धार्मिक, बल्कि खगोलीय आधार पर निर्मित है। इसी पंचांग से विवाह, गृह प्रवेश, जनेऊ,नामकरण सहित सभी शुभ मुहूर्त तय किए जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर में इस प्रकार की खगोलीय या संस्कृतिक व्यवस्था नहीं है, इसलिए भारतीय तिथि-पंचांग को नववर्ष के रूप में स्वीकारना अधिक उचित है। इन्हीं मूल्यों को समाज में पुनः स्थापित करने के लिए परिषद यह पहल कर रही है।

विंध्य में होगा ज्योतिष एवं पंचांग पंडितों का महासम्मेलन

रीवा नगर इकाई द्वारा आयोजित इस महा सम्मेलन में विंध्य क्षेत्र के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य व विद्वान शामिल होंगे। सम्मेलन का मुख्य विषय होगा “मकर संक्रांति सूर्या नववर्ष की सार्थकता और भारतीय पंचांग की प्रामाणिकता”
इस दौरान विशेषज्ञ-पंचांग की वैज्ञानिक पद्धति,ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव,शुभ-अशुभ मुहूर्तों की भूमिका,भारतीय नववर्ष की वास्तविक परंपरा पर विस्तृत चर्चा करेंगे। संयोजक सुमित मांजवानी ने बताया कि सम्मेलन की तैयारियाँ प्रारंभ कर दी गई हैं।

परिषद के पदाधिकारियों की सक्रिय भूमिका

हिन्दू धर्म परिषद के संस्थापक नारायण डिगवानी ने कहा कि “वेद वर्णित विन्ध्य वसुंधरा से नवजागरण की शुरुआत होने जा रही है।” परिषद का मानना है कि यह सांस्कृतिक पहल पूरे देश में नई सोच और नए उत्साह का संचार करेगी। इस आयोजन के संचालन व तैयारी के लिए जो प्रमुख पदाधिकारी सक्रिय हैं, उनमें शामिल हैं-अध्यक्ष उमेश कुशवाहा,महिला अध्यक्ष ममता नरेन्द्र सिंह,कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सरोज सोनी युवा अध्यक्ष विकास सेन आर्यन ,संरक्षक अवधेश श्रीवास्तव साथ ही मार्गदर्शक मंडल व संरक्षक सदस्यों डॉ सीबी शुक्ल,डॉ केके परौहा, डॉ ज्योति सिंह, डॉ राहुल मिश्र,डॉ नरेश बजाज,डीपी सिंह परिहार, तथा रश्मि शुक्ल,राजेश श्रीवास्तव,रामकृष्ण अग्रवाल,ओमप्रकाश गुप्त,राकेश अग्रवाल,डॉ विनोद तिवारी,विजय मोहन तिवारी, एलएम सिंह,पियूष त्रिवेदी,भास्कर त्रिपाठी,सुनील कुमार दुबे ने आयोजन के प्रति उत्साह और समर्थन व्यक्त किया है।

निष्कर्ष-स्वागतम् मकर संक्रांति नववर्ष’ सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। विंध्य से शुरू हो रही यह पहल न केवल पंचांग आधारित नववर्ष की समझ को बढ़ाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों में भारतीय समय-परंपरा के प्रति विश्वास और गौरव भी जागृत करेगी। 14 जनवरी का यह आयोजन विन्ध्य के लिए ऐतिहासिक क्षण साबित हो सकता है-जहां संस्कृति,ज्योतिष, परंपरा और सामाजिक जागरूकता एक मंच पर संगठित रूप में दिखाई देंगे।

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