Mahua Moitra’s Lok Sabha membership ended: कैश फॉर क्वेरी मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके खिलाफ निष्काशन का प्रस्ताव पेश हुआ, इसके बाद वोटिंग हुई लेकिन विपक्ष ने वोटिंग शुरू होते ही प्रस्ताव का बॉयकॉट कर दिया।
कारोबारी हीरानंदानी से पैसे और गिफ्ट्स लेकर संसद में पीएम मोदी और अडानी के खिलाफ सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म की गई है. विपक्ष के द्वारा निष्काशन प्रस्ताव का बहिष्कार करने के बाद प्रस्ताव को पास कर दिया गया. लोकसभा से अपनी सदस्यता खत्म होने के बाद महुआ ने कहा-
लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिए.
इससे पहले चर्चा के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ को सदन में बोलने से रोक दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल में बोलने का मौका मिला था.
महुआ के साथ क्या हुआ?
शुक्रवार 8 दिसंबर को सदन में सुबह 11 बजे कार्रवाई शुरू हुई. महुआ मोइत्रा के कैश फॉर क्वेरी मामले की जांच कर रही एथिक्स कमेटी ने 500 पेज की रिपोर्ट पेश की. 12 बजे एथिक्स कमेटी चेयरमैन विजय सोनकर ने रिपोर्ट पेश की. जिसमे महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश और कानूनी जांच की मांग की गई.
TMC ने सदन में मांग उठाई कि 500 पन्नों की रिपोर्ट पढ़ने के लिए उन्हें 48 घंटे का समय दिया जाए. लेकिन इसके 4 मिनट बाद ही बैठक स्थगित हो गई. इस दौरान लोकसभा में 4 बार विपक्ष ने हंगामा भी मचाया। कार्रवाई बहाल होने के बाद महुआ के खिलाफ वोटिंग हुई और उनकी संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया.
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