Maharashtra CM Fight : शिवसेना ने की महाराष्ट्र में बिहार मॉडल की मांग, शिंदे का ‘सीएम’ बने रहना जरूरी नहीं मजबूरी

Maharashtra CM Fight : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा गठबंधन के पक्ष में आने के बाद भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारी पर तीनों ही दलों की सहमति नहीं बन पाई है। राज्य में महायुती ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है। लेकिन इसके बाद महायुती में सीएम उम्मीदवार को लेकर आतंरिक लड़ाई शुरू हो गई। शुरू में भाजपा और शिवसेना की ओर से बयान जारी किया गया था कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला गठबंधन के अलाकमान करेंगे और सभी उसमें अपनी सहमति जताएंगे। लेकिन अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की रेस में केवल दो नेता ही बचे हैं, जिसमें शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस का नाम शामिल हैं। सीएम फाइट से अब अजीत पवार का नाम हट चुका है। उन्होंने खुदको मुख्यमंत्री पद के दावेदारी से अलग करते हुए देवेंद्र फडनवीस को सीएम बनाने की मांग कर दी है। लेकिन महाराष्ट्र की सियासत में बने रहने के लिए एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री बने रहना जरूरी कम मजबूरी ज्यादा बन गई है।


महाराष्ट्र में सीएम फाइट में घनचक्कर बनी भाजपा


महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बनने की लड़ाई में भाजपा की स्थिति घनचक्कर जैसी हो गई है। एक तरफ महाराष्ट्र में पार्टी की कमान संभालने वाले देवेंद्र फडनवीस मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार बने हुए हैं तो दूसरी ओर एकनाथ शिंदे भी जीत में अपनी मजबूत भागीदारी के चलते कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं। शिवसेना विधायकों का कहना है कि वह एकनाथ शिंदे को ही सीएम बनते देखना चाहते हैं। ऐसे में महायुती गठबंधन के शीर्ष नेता सीएम फेस की इस लड़ाई को सुलझाने में असमर्थ जान पड़ रहें हैं। महायुती में सीएम पद को लेकर गठबंधन दलों के बीच सहमति न बन पाना अब भाजपा की किरकिरी करा रहा है।


सीएम रेस से अजीत पवार का कटआउट (Maharashtra CM Fight)


सोमवार को महायुती की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी चीफ अजीत पवार ने बड़ा एलान किया है। एनसीपी के विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद अजीत पवार ने भाजपा की ओर से सीएम पद के दावेदार देवेंद्र फडनवीस का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सीएम उम्मीदवार के तौर पर उनका समर्थन देवेंद्र फडनवीस के पक्ष में है। वह और उनके विधायक फडनवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इस एलान के बाद अजीत पवार ने खुद को सीएम रेस से अलग कर दिया है। अब इस रेस में फडनवीस और एकनाथ शिंदे ही बचे हैं।


शिवसेना की महाराष्ट्र में बिहार मॉडल की मांग


महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल का नेता चुनने के बाद पार्टी के विधायकों ने उनके मुख्यमंत्री बनने की इच्छा प्रकट की है। इसी के तहत शिवसेना ने महाराष्ट्र में बिहार मॉडल अपनाने की मांग उठाई है। सोमवार को शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। शिवसेना प्रवक्ता म्हास्के ने कहा, “हमें लगता है कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे बिहार में भाजपा ने संख्याबल को नहीं देखा और फिर भी जेडी (यू) नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है। महायुति के वरिष्ठ नेता आखिरकार फैसला लेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “हरियाणा में भाजपा ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा। वैसे ही महाराष्ट्र में चुनाव एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में लड़ा गया। ऐसे में गठबंधन के नेतृत्व का सम्मान किया जाना चाहिए।”


शिंदे का मुख्यमंत्री बने रहना मजबूरी – केसरकर (Maharashtra CM Fight)


वहीं महाराष्ट्र मंत्री केसरकर ने एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री बने रहना जरूरी से ज्यादा मजबूरी बताया। रविवार को मुंबई में केसरकर ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। उन्होंने शिंदे को सीएम बने रहने की सलाह दी है। जिसके बाद केसरकर ने एकनाथ शिंदे के लिए महाराष्ट्र में सीएम पद पर बने रहना शिवसेना के लिए एक मजूबरी बताया है। उन्होंने कहा, “शिंदे को पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि उनके नेतृत्व में महायुति ने शानदार प्रदर्शन किया है। शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार सर्वसम्मति से सीएम पद पर फैसला लेंगे। जो भी फैसला होगा, वह महाराष्ट्र के हित में होगा।” महाराष्ट्र में शिवसेना का अस्तित्व तभी तक बना रहेगा जब तक एकनाथ शिंदे सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं। क्योंकि शिवसेना पहले ही दो तुकड़ों में बंट चुकी है। ऐसे में अगर शिंदे सीएम पद से हटे तो उनकी पार्टी की मजबूती भी कम हो जाएगी। इसके अलावा अगर सीएम देवेंद्र फडनवीस बनते हैं तो भाजपा गठबंधन से मुक्त होने की सोच सकती है, जो शिवसेना के लिए बुरा साबित हो सकता है।

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