Maharashtra Cabinet: सीएम फडणवीस बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली दिल्ली यात्रा है। यहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलेंगे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 14 दिसंबर तक हो सकता है। इस बीच बताया गया कि सीएम फडणवीस बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली दिल्ली यात्रा है। यहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलेंगे। यह एक शिष्टाचार भेंट होगी।
कैबिनेट विस्तार को लेकर एक भाजपा नेता ने बताया कि शिवसेना को गृह विभाग नहीं मिलेगा। उन्हें राजस्व विभाग भी आवंटित नहीं किया जाएगा। बातचीत में देरी की वजह पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि महायुति के सहयोगी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी में बातचीत जारी है। जल्द ही सभी की सहमति के साथ अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
नाम न बताने की शर्त पर नेता ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार 14 दिसंबर तक होने की संभावना है। शिवसेना को गृह विभाग आवंटित किए जाने की संभावना नहीं है। शिवसेना को शहरी विकास विभाग मिल सकता है। शिवसेना को राजस्व विभाग भी नहीं मिलने जा रहा। उन्होंने बताया कि भाजपा को मुख्यमंत्री पद सहित 21 से 22 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा चार से पांच मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं।
ऐसा रहा चुनावी परिणाम
आपको बता दे कि महायुति गठबंधन को राज्य विधानसभा चुनावों में 288 सीटों में से 230 सीटें मिलीं थीं। इसके बाद 5 दिसंबर को फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद और एकनाथ शिंदे-एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं।
शरद गुट के सांसद अपनी निष्ठा बदल सकते हैं: भाजपा नेता
इस बीच भाजपा नेता प्रवीण दारेकेर ने बुधवार को संकेत दिया कि अगर विकास उनकी प्राथमिकता है तो शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (शरद गुट) के कुछ सांसद उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर विकास उनकी प्राथमिकता है तो केंद्र और राज्य दोनों सरकारों में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन है तो वे अपने राजनीतिक भविष्य पर सावधानी से विचार कर सकते हैं।
शरद गुट ने किया खंडन
इस पूरे मामले पर शरद गुट की नेता विद्या चव्हाण ने दारेकेर के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं के साथ एक कमजोर गठबंधन है। वे अपना समर्थन खोने के डर में रहते हैं, यही वजह है कि वे ऐसी रणनीति अपनाते हैं। चव्हाण ने कहा कि हमारे सांसद दृढ़ हैं और गठबंधन को धोखा नहीं देंगे।
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